राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में उद्यमिता विकास कार्यक्रम के आठवें दिन छात्रों ने किया बाजार सर्वेक्षण

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राजकीय महाविद्यालय नैनबाग, टिहरी गढ़वाल में चल रहे 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के आठवें दिन, छात्र-छात्राओं ने स्थानीय बाजार में विभिन्न व्यवसायों का सर्वेक्षण किया।

इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य था कि वे स्थानीय व्यवसायों की स्थापना, संचालन, आवश्यक संसाधन, संभावित चुनौतियाँ और सफलता के कारकों को समझ सकें, जिससे वे भविष्य में स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हो सकें।

सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु:

1. डेयरी व्यवसाय: छात्रों ने डेयरी उत्पादों की मांग, दूध की आपूर्ति श्रृंखला, पशुपालन की आवश्यकताएँ, चारा प्रबंधन, दुग्ध उत्पादन की गुणवत्ता और विपणन रणनीतियों पर जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यह भी समझा कि स्थानीय स्तर पर डेयरी व्यवसाय कैसे स्थापित किया जा सकता है और इसमें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

2. हार्डवेयर की दुकान: इस क्षेत्र में छात्रों ने निर्माण सामग्री की मांग, आपूर्तिकर्ताओं के साथ संबंध, स्टॉक प्रबंधन, ग्राहक सेवा, और प्रतिस्पर्धा के पहलुओं का अध्ययन किया। उन्होंने यह भी जाना कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हार्डवेयर व्यवसाय की आवश्यकताएँ कैसे भिन्न होती हैं।

3. रेस्टोरेंट: छात्रों ने खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, मेन्यू प्लानिंग, ग्राहक संतुष्टि, स्वच्छता मानकों, लागत प्रबंधन, और विपणन तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने यह भी समझा कि स्थानीय स्वाद और पसंद के अनुसार मेन्यू कैसे तैयार किया जाए और सेवा की गुणवत्ता कैसे बढ़ाई जाए।

4. होमस्टे: पर्यटन क्षेत्र में बढ़ती रुचि को देखते हुए, छात्रों ने होमस्टे व्यवसाय के लिए आवश्यक सुविधाएँ, पर्यटकों की अपेक्षाएँ, ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम, सांस्कृतिक अनुभवों का समावेश, और स्थानीय आकर्षणों का उपयोग कैसे किया जाए, इस पर जानकारी हासिल की।कार्यक्रम की नोडल अधिकारी, डॉ. मधु बाला जुवाँठा ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस प्रकार के सर्वेक्षण से उनकी व्यावसायिक समझ बढ़ती है और वे स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित होते हैं। उन्होंने छात्रों को स्थानीय उद्यमियों से संवाद करने, उनके अनुभवों से सीखने, और व्यावसायिक नैतिकता को अपनाने की सलाह दी।

कोऑर्डिनेटर चंदन कुमार ने भी छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान किया, व्यवसाय योजना तैयार करने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला, और उद्यमिता के क्षेत्र में नवीन विचारों को अपनाने और स्थानीय संसाधनों का सदुपयोग करने की प्रेरणा दी ।

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले छात्रों ने इसे एक शिक्षाप्रद अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन से उन्हें वास्तविक व्यावसायिक चुनौतियों और अवसरों की समझ मिली है, जो उनके भविष्य में उद्यम स्थापित करने में सहायक होगी।

महाविद्यालय में आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों को न केवल व्यावसायिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित करते हैं।

बाजार सर्वेक्षण जैसे practically-oriented गतिविधियाँ छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से अवगत कराती हैं और उन्हें अपने करियर में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद करती हैं।

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