पाकिस्तान ने भारत के बोहरा समुदाय के नेता और धर्म गुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को अपना सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान प्रदान किया है। यह सम्मान उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य समेत कई क्षेत्रों में योगदान के लिए दिया गया।
पाकिस्तान में मंगलवार को दाऊदी बोहरा समुदाय के धार्मिक नेता सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को यह सम्मान प्रदान किया गया। वह चौथे ऐसे भारतीय हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने यह सम्मान दिया है। यह सम्मान उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर नेतृत्व किया है और असाधारण प्रतिभा दिखाई हो। मानवीय कार्यों के लिए भी यह सम्मान दिया जाता है।
पाकिस्तान ने यह सम्मान 1990 में पूर्व पीएम मोरारजी देसाई, 1998 में ऐक्टर दिलीप कुमार और 2020 में कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को भी यह सम्मान दिया था। 2020 में गिलानी को सम्मान देने पर भारत ने पाकिस्तान की मंशा पर सवाल भी उठाया था। गिलानी ने कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दिया था और कई आतंकियों का भी बचाव किया था। ऐसे में उसे यह सम्मान देने पर सवाल उठने लाजिमी भी थे।
मंगलवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इसमें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सैयदना को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने सैयदना की तारीफ की और कहा कि उन्होंने पाकिस्तान में कई अलग-अलग प्रयास किए हैं। इससे देश के सामाजिक आर्थिक विकास को गति मिली है।
सैयदना सैफुद्दीन के कार्यालय ने बताया कि उन्हें हेल्थ, एजुकेशन और पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया है। इसके अलावा दुनिया में शांति को बढ़ावा देने के लिए भी उन्हें पुरस्कृत किया गया है।