हरिद्वार: धनौरी पी.जी. कॉलेज, धनौरी में दिनांक 9 मई 2025 को एक गरिमामयी वातावरण में पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमित कुमार भगत द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरे उत्साह और कुशलता से कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.)विजय कुमार जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पुरातन छात्र सम्मेलन की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से पूर्व छात्रों और महाविद्यालय के बीच संबंध मजबूत होते हैं, साथ ही वर्तमान विद्यार्थियों को प्रेरणा भी मिलती है। उन्होंने पूर्व छात्रों से आह्वान किया कि वे अपने अनुभवों से महाविद्यालय के विकास में सहभागी बनें।
महाविद्यालय के सचिव श्री आदेश कुमार सैनी जी ने छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएँ दीं और उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन महाविद्यालय की विरासत को मजबूत करते हैं तथा वर्तमान और पूर्व छात्रों के बीच सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने सभी को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने की प्रेरणा दी।
डॉ. अलका सैनी ने सभी छात्र-छात्राओं का हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि जीवन में निरंतर प्रयासरत रहना ही सफलता की कुंजी है और छात्रों को सदैव अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहना चाहिए।
पुरातन छात्र प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ पुष्पा फर्स्वाण ने भी उपस्थित सभी पूर्व छात्रों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने महाविद्यालय की वर्तमान प्रगति से सभी को अवगत कराया और यह बताया कि इस संस्था से जुड़ाव केवल एक शैक्षणिक रिश्ता ही नहीं बल्कि एक आत्मीय सम्बन्ध है जो समय और दूरी के पार भी जीवन्त रहता है।
कार्यक्रम में समिति के सदस्य डॉ. राहुल कुमार, डॉ. रवि शेखर एवं डॉ. किरन ने अपने विचार साझा किए और महाविद्यालय के प्रति अपने जुड़ाव को रेखांकित किया। इन वक्ताओं ने अपने अनुभवों एवं सुझावों से छात्र समुदाय को दिशा देने का कार्य किया।
डॉ. राकेश सिंह रावत जी ने अपने उद्बोधन में छात्रों को अपने अनुभवों एवं ज्ञान से अभिभूत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करती है।
इस अवसर पर अनेक पूर्व छात्रों ने भी अपने विचार एवं अनुभव साझा किए। उन्होंने कॉलेज में बिताए गए अपने सुनहरे दिनों को याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने यहां से मिली शिक्षा और संस्कारों के बल पर अपने जीवन में सफलता प्राप्त की।
संगोष्ठी में डॉ. संजीव कुमार, डॉ. राखी बलियान, डॉ. नीलम सैनी, डॉ. रोमा, डॉ. कल्पना भट्ट, डॉ. अमर दीप एवं डॉ. शान्ति सिंह जैसे प्रबुद्ध शिक्षकों ने अपने विचार साझा किए और शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त आचार्यगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि महाविद्यालय की प्रतिष्ठा को और ऊँचाइयों तक पहुँचाने हेतु मिलकर कार्य किया जाएगा।
यह पुरातन छात्र सम्मेलन न केवल एक भावनात्मक मिलन का अवसर बना, बल्कि महाविद्यालय और पूर्व छात्रों के बीच संबंधों को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक सार्थक पहल भी सिद्ध हुआ।