आज दिनांक 09 अप्रैल 2025 को इंदर सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय पौखाल, टिहरी गढ़वाल में 12 दिवसीय देवभूमि उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्राचार्य महोदय के मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं द्वारा क्षेत्रीय शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षुओं ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार उद्यमों को बारीकी से देखा और समझा ।
क्षेत्रीय शैक्षिक भ्रमण पर जाने से पूर्व महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा सभी छात्र छात्राओं को उद्यम शुरू करने से पूर्व की जाने वाली तैयारी जैसे हिसाब-किताब, स्टॉक एवं डे बुक इत्यादि से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ प्रभाकर तथा डॉ बबीत विहान ने प्रशिक्षुओं को महत्वपूर्ण सुझाव दिए जिनके द्वारा प्रशिक्षु स्वरोजगार के लिए उपयोगी जानकारी इकठ्ठा कर सके।
क्षेत्रीय शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत पौखाल में स्थित स्वरोजगार उद्यम ‘माउन्ट वैली’ की पहली इकाई का भ्रमण करते हुए प्रशिक्षुओं ने बीज बैंक का अवलोकन किया।
इस बीज बैंक में उत्तराखंड में पाई जाने वाली तरह तरह की फसलों के बीज संरक्षित कर रखे गए हैं। श्री कुंवर सिंह भंडारी ने इन बीजों के संरक्षित करने की विभिन्न तरीकों से प्रशिक्षुओं को अवगत कराया।
प्रशिक्षुओं ने यहाँ पर फल-प्रसंस्करण के अंतर्गत अचार, जैम, चटनी आदि बनाने की प्रक्रिया को भी देखा और समझा। श्री भंडारी ने बताया कि वर्तमान समय में जैविक उत्पादों की माँग लगातार बढ़ रही है, जिससे सभी लोगों के पास स्थानीय मोटे अनाजों एवं पहाड़ी आलू के चिप्स बनाने के क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं जिसके लिए उन्होंने मेहनत और लगन को महत्वपूर्ण बताया।
प्रशिक्षुओं ने कांडीखाल में स्थित स्वरोजगार उद्यम ‘माउन्ट वैली’ की दूसरी इकाई का भी भ्रमण किया जहाँ पर मशीनों द्वारा अनाज-दालों से कंकड़ आदि को अलग किया जाता है एवं लोकल उत्पादों की गुणवत्ता के आधार पर पैकिंग कर बाजार में उपलब्ध करवाया जाता है।
इसके साथ प्रशिक्षुओं को कांडीखाल में ही स्थित मौन पालन की क्रियाशील इकाई का भी भ्रमण कराया गया जहाँ पर श्री इंद्रमणि जी की धर्मपत्नी द्वारा शहद उत्पादन सम्बन्धी बारीकियाँ बताई गई।
कोटी ग्रामसभा स्थित महिला समूह द्वारा स्थापित स्वरोजगार इकाई का भ्रमण किया गया जहाँ पर महिला समूह द्वारा पिरुल और सेलु द्वारा उपयोगी उत्पाद तैयार किये जाते हैं। तत्पश्चात प्रशिक्षुओं ने श्री घनश्याम कोठीयाल के फल-प्रसंस्करण इकाई और रोजमेरी नर्सरी का भ्रमण भी किया और रोजमेरी की खेती करने के तरीके सीखे।
इस क्षेत्रीय शैक्षिक भ्रमण द्वारा प्रशिक्षुओं ने उद्यम के व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किये जो स्वरोजगार स्थापित करने में प्रशिक्षुओं के लिये लाभकारी सिद्ध होंगे।
इस क्षेत्रीय शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम में डॉ. भद्री, उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रभाकर, डॉ. बबीत विहान, उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक व सह संयोजक डॉ. पुष्पा झाबा व श्री अरविंद नारायण तथा महाविद्यालय के अन्य कर्मचारी शामिल रहे।