राजकीय महाविद्यालय, नानकमत्ता यूथ रेडक्रॉस इकाई द्वारा एक दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम संपन्न

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महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय, नानकमत्ता की यूथ रेडक्रॉस इकाई के तत्वावधान में दिनांक 05 मई 2025 (शुक्रवार) को महाविद्यालय परिसर में एक दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त पंजीकृत यूथ रेडक्रॉस स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 11:00 बजे हुआ, जिसका स्वागत भाषण डॉ. निशा आर्या ने प्रस्तुत किया। उन्होंने रेडक्रॉस के महत्व को रेखांकित करते हुए स्वयंसेवी भावना की सराहना की और उपस्थित अतिथियों तथा स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया।

प्रारंभिक संबोधन डॉ. रवि जोशी, नोडल अधिकारी, रेडक्रॉस इकाई, द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने रेडक्रॉस के ऐतिहासिक विकास, वैश्विक योगदान और युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए स्वयंसेवकों को रेडक्रॉस के मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने का आह्वान किया।

इसके पश्चात श्री रवि रस्तोगी, वरिष्ठ प्रतिनिधि, रेडक्रॉस उत्तराखण्ड, ने “रेडक्रॉस के प्रमुख सिद्धांत एवं अनुप्रयोग” विषय पर सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता जैसे रेडक्रॉस के सात सिद्धांतों की व्याख्या करते हुए इन्हें दैनिक जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी।

उन्होंने “रेडक्रॉस और रक्तदान का महत्व” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि रक्तदान एक महान मानवीय कार्य है जो जीवन बचाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने युवाओं से नियमित रूप से स्वेच्छा से रक्तदान करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर रेडक्रॉस उत्तराखण्ड के मास्टर ट्रेनर श्री विमल कुमार ने *“रेडक्रॉस की प्रमुख गतिविधियां एवं प्रशिक्षण”* विषय पर अपने विशिष्ट वक्तव्य में रेडक्रॉस की बहुआयामी सेवाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस न केवल आपदा प्रबंधन और प्राथमिक उपचार जैसी सेवाओं में अग्रणी भूमिका निभाता है, बल्कि यह समाज में स्वास्थ्य, स्वच्छता और मानवीय मूल्यों के प्रति भी जागरूकता फैलाने का कार्य करता है।

अपने व्यावहारिक प्रशिक्षण के दौरान श्री कुमार ने सी.पी.आर. (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) की विधि को चरणबद्ध ढंग से प्रस्तुत करते हुए इसकी आपातकालीन स्थितियों में उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने यह बताया कि यदि किसी व्यक्ति की सांस या धड़कन अचानक बंद हो जाए, तो प्रशिक्षित स्वयंसेवक द्वारा दी गई सी.पी.आर. सहायता जीवन रक्षक सिद्ध हो सकती है।

उन्होंने उपस्थित स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए कहा कि रेडक्रॉस का वास्तविक उद्देश्य तभी सार्थक होता है जब युवा पीढ़ी मानव सेवा को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना ले। उनका यह वक्तव्य न केवल ज्ञानवर्धक था, बल्कि युवाओं में सेवा, संवेदना और तत्परता की भावना का संचार भी करता दिखाई दिया।

कार्यक्रम में श्री उमेद कुमार, युवराज सिंह, किरन भट्ट, सुहानी राणा, करन सिंह तथा मुस्कान राणा द्वारा स्वयंसेवक के रूप में अपने अनुभव साझा किए गए। उन्होंने रेडक्रॉस से जुड़ने के बाद अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में आए सकारात्मक परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए युवाओं को इस संगठन के साथ दीर्घकालिक जुड़ाव बनाए रखने का संदेश दिया।

अंत में, प्राचार्य प्रो. अंजला दुर्गापाल द्वारा अध्यक्षीय संबोधन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने रेडक्रॉस इकाई द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं में सामाजिक उत्तरदायित्व और सेवा भावना का संचार करते हैं। उन्होंने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया और स्वयंसेवकों को अनुशासित, संवेदनशील और जागरूक नागरिक बनने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम का समापन दोपहर 12:15 बजे हुआ। यह अभिविन्यास कार्यक्रम न केवल जानकारीपूर्ण रहा, बल्कि स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व विकास और सेवा भाव जागरण के लिए भी प्रेरणास्रोत सिद्ध हुआ।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अंजला दुर्गापाल, रेडक्रॉस नोडल अधिकारी डॉ. रवि जोशी, सहायक नोडल अधिकारी डॉ शशि प्रकाश सिंह, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. विद्या शंकर शर्मा, प्रो. मृत्युंजय शर्मा, डॉ. निवेदिता अवस्थी, डॉ. ममता सुयाल, डॉ. चंपा टम्टा, डॉ. उमेश जोशी, डॉ. ललित सिंह बिष्ट, डॉ. स्वाति लोहनी, डॉ. मंजुलता जोशी, डॉ. निशा परवीन, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. दर्शन सिंह मेहता, डॉ. निशा आर्या, डॉ. आशा गढ़िया, महेश कन्याल, राम जगदीश सिंह, विपिन थापा, सुनील कुमार तथा संतोष चन्द, उमेद कुमार, अर्चना, किरन भट्ट, सुहानी राणा, प्रीति, करन सिंह सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, गणमान्य अतिथि एवं रेडक्रॉस के 30 से अधिक स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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