आज दिनांक 9 सितंबर 2024 , सोमवार को राजकीय महाविद्यालय जखोली रूद्रप्रयाग उत्तराखंड में भूगोल विभाग एवं आई. क्यू. ए.सी. के संयुक्त तत्वाधान में भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.नंदलाल जी ने विशेष व्याख्यान की श्रृंखला के अंतर्गत “भारतीय कृषि में हिमालय का योगदान ” विषय पर व्याख्यान आयोजित करवाया।
इस कार्यक्रम के अध्यक्षता महाविद्यालय की आदरणीय प्राचार्य डॉ. (कु.) माधुरी जी के द्वारा की गई ।
इस अवसर पर ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह जी, विभागाध्यक्ष एग्रीकल्चर बॉटनी डिपार्मेंट, सी .सी. आर. पी. जी. कॉलेज मुजफ्फरनगर ने अपने विचार विस्तृत रूप से प्रस्तुत किये।
उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि हिमालय दिवस की शुरुआत किस प्रकार से हुई है तथा हिमालय की सुंदरता को किस प्रकार से संरक्षित किया जा सकता है जीवों और प्रकृति का संतुलन कैसे बनाए रखा जा सकता है तथा ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभावों से किस प्रकार बचा जा सकता है साथ ही कृषि बागवानी, हिमालय के कृषि कार्यों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चर्चा की।
बताया की सतत विकास के द्वारा हिमालय एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को कैसे संतुलित किया जा सकता है जिससे सतत विकास की प्रक्रिया गतिमान रहे ।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.नंदलाल जी ने छात्र-छात्राओं से हिमालय से निकलने वाली सदावाहिनी नदियों के द्वारा निर्मित उपजाऊ भूमि, कृषि के लिए जल की उपलब्धता आदि पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
इसी क्रम में कार्यक्रम के सचिव डॉ. बबीत कुमार बिहान जी ने हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता को हम किस प्रकार से बरकरार रख सकते हैं एवं भारतीय कृषि में हिमालय का क्या महत्व है , इसको हम अनदेखा नहीं कर सकते हैं , विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम का सार डॉ. सुभाष कुमार ने प्रस्तुत किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. भारती जी ने किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ.विकास शुक्ला, डॉ. दलीप सिंह , डॉ. सुमित बिजलवान, डॉ. सोनम कुमारी , महाविद्यालय के कर्मचारी गण एवं छात्र-छात्राएं कार्यक्रम में सम्मिलित रहे जिन्होंने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य जी द्वारा इस कार्यक्रम में प्रतिभा करने वाले सभी प्रतिभागियों को हिमालय बचाओ प्रतिज्ञा दिलवाई गई ।