नरेन्द्रनगर: यदि कोई व्यक्ति स्वच्छ नही है तो वह स्वस्थ नही रह सकता और यदि वह स्वस्थ नही है तो वह स्वस्थ मनोदशा के साथ नही रह पाएगा जबकि स्वस्थ मनोदशा से ही स्वस्थ चरित्र का विकास संभव हैं।
यह विचार महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो॰ राजेश कुमार उभान ने धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा 17 सितंबर से 2 अक्तूबर 2024 तक चलाये गए स्वच्छता पखवाड़ें के समापन पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती के अवसर पर व्यक्त किए।
स्वच्छता पर गाँधी जी के विचारों का उल्लेख करते हुये बताया कि गाँधी जी स्वच्छता को सभी प्रकार की आज़ादी से ज्यादा जरूरी मानते थे इसलिए अब समय आ गया है कि हम उनके विचारों को आत्मसात करते हुये अपने आस पास के परिवेश को स्वच्छ रखने के प्रति कृतसंकल्प रहें I तभी हम आने वाली पीढ़ी को एक सुरक्षित भविष्य दे पाने में सफल हो सकते हैं।
इस मौके पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ॰ मनोज फोंदनी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक देशभर में वृहद स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छता पखवाड़ा चलाया गया जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालयों, स्कूल/कॉलेज में अध्ययन कर रहें छात्र-छात्राओं के द्वारा स्वच्छता,पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के साथ प्लास्टिक प्रदूषण के विषय में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आम लोगो को जागरूक करने का सार्थक प्रयास किया।
आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्वान जनों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
विचार गोष्टी के उपरांत महाविद्यालय परिसर में समस्त स्टाफ और छात्रों के द्वारा साफ-सफाई और स्वच्छता अभियान चलाया गया जिसमे महाविद्यालय परिसर और मुख्य मार्ग पर उगी घास और झड़ियों को काटने के साथ प्लास्टिक कचरा इकट्ठा कर उसका उचित निस्तारण किया गया।
कार्यक्रम का समापन मिष्ठान वितरण के साथ किया गया I