हरिद्वार: नगर निगम हरिद्वार द्वारा की गई बहुचर्चित भूमि खरीद घोटाले की जांच अब निर्णायक दौर में पहुंचती दिख रही है। शासन स्तर पर गठित जांच समिति के प्रभारी और गन्ना एवं चीनी विभाग सचिव रणवीर सिंह चौहान मंगलवार को हरिद्वार पहुंचे।
उन्होंने सराय गांव स्थित विवादित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया और पूरे प्रकरण से जुड़े अहम बिंदुओं की जांच की।
आईएएस अफसर रणवीर सिंह चौहान आज हरिद्वार पहुंचे और भूमि का निरीक्षण करने के बाद डाम कोठी पर नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ करते हुए बयान दर्ज किए। साथ ही उन्होंने भूमि घोटाले से जुड़े संबंधित दस्तावेजों को भी देखा।
रणवीर सिंह चौहान ने कहा कि आज मौके पर जाकर जमीन का मौका मुआयना किया गया है। फिलहाल पूछताछ जारी है, जो भी पूछताछ में सामने आएगा उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कहा कि तय समय पर इस जांच को पूरा कर लिया जाएगा। क्योंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साफ-साफ दिशा-निर्देश हैं कि जो भी सच है, वह सामने आए और जल्द से जल्द यह जांच पूरी हो।
बता दें हरिद्वार नगर निगम ने नवंबर 2024 में सराय गांव में स्थित लगभग 33 बीघा भूमि को 58 करोड़ में खरीदा। यह भूमि नगर निगम के कूड़ा निस्तारण केंद्र के पास स्थित थी।
आरोप है कि इस भूमि का वास्तविक मूल्य 10-15 करोड़ था, लेकिन लैंड यूज बदलकर और सर्किल रेट का लाभ उठाकर इसे अधिक कीमत पर खरीदा गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस मामले की जांच गन्ना और चीनी विभाग के सचिव रणवीर सिंह चौहान को सौंपी गई।
पीसीएस अधिकारी मनीष सिंह को भी सहायक जांच अधिकारी बनाया गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने इस मामले में हरिद्वार नगर निगम आयुक्त की आख्या में प्रथम दृष्टया गंभीर अनियमितता मिलने के बाद कुछ अधिकारियों को सस्पेंड भी किया था।
जिनके अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था, उनमें अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट, सहायक अभियंता आनंद सिंह मिश्रवान और अधिशासी अधिकारी रविंद्र कुमार दयाल का नाम शामिल है।
सचिव रणवीर सिंह चौहान ने जिलाधिकारी से नगर निगम के संबंधित बैंक खातों को फ्रीज करने की सिफारिश की है, जिससे लेनदेन पर रोक लग सके। जांच दल अब दस्तावेजों की कानूनी वैधता, निगम की आंतरिक प्रक्रिया और मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा।
नगर निगम की महापौर किरण जैसल ने इस जमीन खरीद पर पहले ही सवाल उठाए थे और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि नगर निगम की वित्तीय प्रणाली के साथ बड़ा खिलवाड़ हुआ है और जनता के धन का दुरुपयोग किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने त्वरित संज्ञान लेते हुए सचिव स्तर की जांच बैठा दी थी।