अंतरराष्ट्रीय संरक्षित पशुओं के तस्कर गिरोह लाडवा गैंग के 03 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गैंग के लोगों के कब्जे से एक जीवित सांप, संरक्षित प्रजाति का बरामद किया है। बरामद संरक्षित प्रजाति के सांप की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 01 करोड़ रुपये है। गिरोह के सदस्यों द्वारा तांत्रिक क्रियाओं के लिए भारी कीमत पर बेचने के उद्देश्य से इस सांप की तस्करी की जा रही थी।
एसएसपी देहरादून अजय सिंह को तांत्रिक क्रियाओं के लिए प्रयोग में आने वाले दुर्लभ प्रजाति के लाल रेत बोआ सांप को बेचने संबंधी सूचना मिली थी।
सूचना देने वाले ने बताया कि हरियाणा के एक वन्य जीव तस्कर गिरोह लाडवा गैंग के 03 सदस्य नहर रोड स्थित कूड़ा घाटी मार्ग विकासनगर पर एक बिना नंबर की सफेद स्विफ्ट कार में सवार हैं। उनके पास दो मुंहा सांप है। ये सांप अंतरराष्ट्रीय संरक्षित पशु के अंतर्गत आता है।
इस पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए पुल नंबर-2 के पास घेराबंदी कर तीन व्यक्तियों अनिल, अशोक और संदीप कुमार को वाहन सहित पकड़ लिया। इनके वाहन की तलाशी ली गई तो पिछली सीट पर एक बैग मिला। बैग खोलने पर पता चला कि उसमें एक जीवित दो मुंहा सांप है।
लाडवा गैंग के वन्य जीव तस्कर यह सांप हरियाणा से लाए थे। इसको देहरादून में ऊंचे दाम पर तांत्रिक क्रियाओं हेतु बेचने वाले थे। संरक्षित प्रजाति का ये दुर्लभ सांप बहुत ऊंचे दामों पर बिकता है। पुलिस के अनुसार इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 1 करोड़ रुपए है। दुर्लभ दो मुंहे सांप की बरामदगी के बाद मौके पर वन विभाग की टीम को बुलाया गया।
एसएसपी, देहरादून अजय सिंह ने बताया है कि सांप का शिकार, व्यापार, संग्रहण ओर परिवहन पूरी तरह से प्रतिबंधित और दंडनीय अपराध है। पकड़े गये तीनों वन्य जीव तस्करों के पास से संरक्षित प्रजाति का सांप बरामद हुआ है। इस पर तीनों वाइल्ड लाइफ स्मगलर्स को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 में गिरफ्तार किया गया। साथ ही आरोपियों के खिलाफ कोतवाली विकासनगर में मुकदमा पंजीकृत किया गया।