उद्यमिता विकास कार्यक्रम के पंचम दिवस में देवभूमि उद्यमिता प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रतिभागियों ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार एवं आजीविका तथा स्वरोजगार हेतु पंजीकरण की प्रक्रिया को समझा

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शहीद श्रीमती हंसा धनाई राजकीय महाविद्यालय अगरोडा, टिहरी गढ़वाल मे भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान
अहमदाबाद एवं उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड के सहयोग से 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के पंचम दिवस में देवभूमि उद्यमिता प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रतिभागियों ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार एवं आजीविका तथा स्वरोजगार हेतु पंजीकरण की प्रक्रिया को समझा।

मुख्य वक्ता डॉ० भरत गिरी गोसाई ने अपनी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से “पिरुल हस्तशिल्प कला: स्वरोजगार एवं आजीविका ” का विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि उत्तराखंड मे 15% वन चीड वनो से आच्छंदित है। चीड़ की पत्तियो (पिरुल) से स्थानीय स्तर पर अनेक प्रकार के हस्त शिल्प कला जैसे पिरूल की राखी, टोकरी, पेन स्टैंड, फूलदानी, सजावट के सामग्री, रोटी के डिब्बे, ट्रे, चाय कोस्टर, झुमके, स्टोरेज बॉक्स, टोपी, ज्वेलरी बॉक्स, हैंडबैग, सर्विंग ट्रे, टेबल मैट इत्यादि बनाकर स्वरोजगार करके आत्मनिर्भर बन सकते है।

साथ ही साथ महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण मे मदद कर सकते है। जिला समन्वयक श्री दीपक नेगी ने प्रतिभागियों का पंजीकरण करवाया तथा पंजीकरण हेतु आवश्यक दस्तावेजों के बारे मे भी अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० जोगेदर कुमार द्वारा किया गया।

कार्यक्रम मे नोडल अधिकारी डॉ० अजय कुमार, सह नोडल अधिकारी डॉ० अमित कुमार सिंह एवं समस्त प्राध्यापक, कर्मचारी वर्ग एवं प्रतिभागी मौजूद रहे।

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