हरिद्वार: श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन को बचाने के लिए सभी भेष के संतों को आगे आकर मुकामी, मुखिया महंतों व श्रीमहंतों की मनमानी को रोककर अखाड़े व संत की परम्पराओं को बचाना होगा।
अखाड़े के कुछ पदाधिकारी संविधान से अपने को ऊपर मानने लगे हैं। जिस कारण से संत परम्परा का हृास हो रहा है।
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के म.म. स्वामी शिवानंद ने शनिवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा।
स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि अखाड़ा उदासीन सम्प्रदाय के सरंक्षण व संवर्धन के लिए निरंतर कार्य करता आ रहा था, किन्तु कुछ वर्षों में धन लोलुप, लालचली व षडयंत्रकारी कालनेमियों ने अखाड़े में प्रवेश कर परम्पराओं का पतन करना शुरू कर दिया है। मुकामी महंत मनमाना रवैया अपना रहे है।
कुछ इस्तीफा देकर चले गए, किन्तु कुछ शेष हैं। उन्होंने कहा कि कुछ भू-माफिया आश्रम की सम्पत्ति को कब्जाना चाहते है जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
संत परम्पराओं का निर्वाहन किया जाना चाहिए। स्वामी दयानद मुनि ने भी अखाड़े के कुछ संतों पर गंभीर आरोप लगाते हुए इनकी जांच की मांग करने साथ सभी संतों से अखाड़े के परम्पराओं को बचाने के लिए आगे आने की अपील की।

Name: Dr. Sandeep Bhardwaj
Mob : 9319660004
Mail Id : thetimesofharidwar@gmail.com
