मांगों को लेकर हरिद्वार से संसद तक पैदल मार्च करेंगे किसान

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हरिद्वार, 15 सितम्बर। भारतीय किसान यूनियन वेलफेयर फाउंडेशन ने गन्ना किसानों की मांगों को लेकर हरिद्वार से संसद तक मार्च करने का ऐलान किया है।

संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण शर्मा ने प्रैस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर रही है। इसी के विरोध में 17 सितम्बर को चौधरी चरण सिंह घाट से संसद तक पैदल मार्च शुरू किया जाएगा। अरुण शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर 14 दिन के भीतर भुगतान’ का आदेश दिया था। लेकिन सरकार ने अब तक इसका पालन नहीं किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी तीन बार गन्ना मूल्य भुगतान के आदेश दिए। लेकिन किसानों को अब तक उनका हक नहीं मिला।
अरूण शर्मा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पूरे देश में समान रूप से गन्ना मूल्य घोषित किया जाए और गन्ने का रेट 500 रूपए कुंतल से अधिक निर्धारित किया जाए। रोड टैक्स और टोल टैक्स में एक टैक्स लागू किया जाए। उत्तराखंड की तरह उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर स्वेच्छा से लगाए जाएं तथा बाढग्रस्त राज्यों में तत्काल राहत कार्य शुरू किए जाएं। अरुण शर्मा ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही किसानों की जायज मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को और बड़े स्तर पर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा, किसानों आवाज अब संसद तक गूंजेगी।
श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि किसान देश का अन्नदाता है। गन्ने का उचित मूल्य निर्धारण और समय पर भुगतान बेहद जरूरी है। सरकार को किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए गंभीरता से सोचना चाहिए। प्रैसवार्ता में राष्ट्रीय सलाहकार प्रियव्रत, सुखबीर, दिनेश, मनमोहन गोसाई, उदित पांडे ने भी विचार रखे।

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