राजकीय महाविद्यालय मंगलौर में रक्तदान जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन

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आज दिनांक 21.08.25 को राजकीय महाविद्यालय मंगलौर, हरिद्वार में विद्यार्थियों और सामान्य जनमानस में रक्तदान के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से रक्तदान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो० प्रेमलता कुमारी की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम के संयोजक महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रभारी डॉ० राम भरोसे रहें। कार्यक्रम के वक्ता के रूप में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ० तीर्थ प्रकाश ने अपनी भागीदारी दी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ० राम भरोसे ने बताया कि आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश रहा कि युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा सके, क्योंकि रक्तदान एक ऐसा दान है जिसका और कोई विकल्प नहीं है।

कार्यक्रम के शुरुआत महाविद्यालय की प्राचार्य के उद्बोधन-आशीर्वचन से हुआ। आज के रक्तदान जागरूकता कार्यकम में राजकीय चिकित्सालय रुड़की (हरिद्वार) से श्रीमती वेणु शर्मा (काउंसलर), कु. रजनी आर्य (काउंसलर), श्री पवन कश्यप (सुपरवाईजर), मोहम्मद अफ़ज़ाल (लैब टेक्निशियन) उपस्थित रहे।

कार्यक्रम संयोजक डॉ० राम भरोसे ने पीपीटी के माध्यम से बच्चों को रक्तदान से सम्बंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि रक्तदान महादान है और इसका कोई विकल्प नहीं है। युवाओं को आगे आकर समाज के लिए निःस्वार्थ भाव से रक्तदान करना चाहिए।

कु. रजनी आर्य ने विद्यार्थियों को रक्त के घटकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने समझाया कि रक्त में लाल रक्त कणिकाएँ, श्वेत रक्त कणिकाएँ, प्लेटलेट्स और प्लाज़्मा होते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हमारे रक्त को कैसे बढ़ाया जा सकता है—जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ियों, अनार, गाजर, चुकंदर, और आयरन युक्त आहार का सेवन करके। उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि अगर वे अपने खानपान को संतुलित रखें तो न केवल उनका रक्त स्वस्थ रहेगा बल्कि वे समाज की सेवा हेतु रक्तदान करने में भी सक्षम बनेंगे। श्री पवन कश्यप ने रक्तदान की प्रक्रिया और उससे जुड़े सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं मोहम्मद अफ़ज़ाल ने तकनीकी दृष्टिकोण से बताया कि रक्त की जाँच और सुरक्षित भंडारण कैसे किया जाता है और ज़रूरत पड़ने पर किस प्रकार इसे रोगियों तक पहुँचाया जाता है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ० तीर्थ प्रकाश रहे। उन्होंने अपने सारगर्भित उद्बोधन में रक्तदान के नैतिक, सामाजिक और मानवीय पक्षों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक युवा को वर्ष में कम-से-कम एक बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए, ताकि आपातकालीन स्थितियों में किसी की जान बचाई जा सके। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० प्रेमलता कुमारी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में रक्तदान जैसे अच्छे कार्य की महत्ता पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे समाज में जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा कि “रक्तदान केवल एक सामाजिक कर्तव्य ही नहीं बल्कि मानवता की सेवा का श्रेष्ठतम कार्य है।”

“इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के अनेक विद्यार्थी उत्साहपूर्वक उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से अभिनव, प्राची, पायल, समरेज, मयंक, अनिरुद्ध, आस मोहम्मद, अनुज, देवांश, दीपक कुमार, करतार सिंह, निखिल, कुलवीर, मोहम्मद अब्बास आदि सम्मिलित थे। इनके साथ ही अन्य अनेक छात्र-छात्राओं ने भी सक्रिय भागीदारी कर कार्यक्रम को सफल बनाया।”

अंत में, कार्यक्रम का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया और रक्तदान के प्रति जागरूक एवं प्रेरित हुए। यह आयोजन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी और प्रेरणादायी सिद्ध हुआ।

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