राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ के एन0एस0एस0 स्वयंसेवियों ने छठे दिन दिया रक्तदान एवं स्वच्छता का संदेश

Spread the love

राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ के एन0एस0एस0 स्वयंसेवियों ने छठे दिन दिया रक्तदान एवं स्वच्छता का संदेश

राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के विशेष सात दिवसीय शिविर के छठे दिन एन0एस0एस0 स्वयंसेवियों ने सर्वप्रथम योगाचार्य डॉ० अशोक कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में योगाभ्यास किया और लक्ष्य गीत गाया।

छठे दिन के कार्यक्रम में एन0एस0एस0 स्वयंसेवियों ने कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्णा डबराल के कुशल नेतृत्व में नगर पालिका चिन्यालीसौड़ क्षेत्र से होते हुए देवीसौड़ आर्च ब्रिज तक “रक्तदान, महादान” विषय पर जागरूकता रैली निकाली जिसमें नारों और स्लोगन के माध्यम से स्थानीय जनता को रक्तदान के महत्व पर संदेश दिया।

इसके साथ ही महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं नगर पालिका चिन्यालीसौड़ के संयुक्त तत्वावधान में देवीसौड़ आर्च ब्रिज के निकटवर्ती क्षेत्र में व्यापक रूप में स्वच्छता अभियान चलाया गया जिसमें सेनेटरी इंस्पेक्टर श्री कमल सिंह चौहान एवं उनकी टीम और डॉ० अशोक कुमार अग्रवाल का सराहनीय योगदान रहा। साथ ही स्वयंसेवियों ने माय भारत पोर्टल पर आउटरीच प्रोग्राम भी किए और स्थानीय युवाओं को प्रेरित कर पोर्टल पर पंजीकृत भी करवाया।
छठे दिन के बौद्धिक सत्र में मुख्य वक्ता वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका डॉ० सुगंधा वर्मा ने “सहकारिता से समृद्धि” विषय पर एन0एस0एस0 स्वयंसेवियों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सहकारिता का अर्थ है मिलजुलकर कार्य करना, एक-दूसरे की सहायता करना और सामूहिक प्रयासों से समृद्धि की ओर बढ़ना। भारत में सहकारिता आंदोलन का विशेष महत्व है क्योंकि यह ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों की आजीविका का एक सशक्त माध्यम बना है।

सहकारिता से समृद्धि के कई आयाम हैं, जैसे कृषि और सहकारिता, स्वयं सहायता समूह जो कि विशेष रूप से महिलाओं के लिए यह एक वरदान साबित हुआ है, दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियाँ जैसे – अमूल, बैंकिंग और वित्तीय सहकारिता, हस्तशिल्प और लघु उद्योग, इत्यादि। सहकारिता केवल एक आर्थिक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह विश्वास, सहयोग और एकता की भावना का प्रतीक है। यदि हम सहकारिता को सही ढंग से अपनाएँ, तो न केवल हमारी आजीविका मजबूत होगी, बल्कि हमारा समाज भी प्रगति के नए शिखरों को छुएगा। व्याख्यान के बाद एक प्रश्नोत्तरी में भी स्वयंसेवियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

शिविर में “मेरे सपनों का भारत” विषयक एक पोस्टर प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें एन0एस0एस0 स्वयंसेवियों ने बहुत ही रचनात्मक पोस्टर बनाए। इसके निर्णायक मंडल में डॉ० कृष्णा डबराल एवं डॉ० सुगंधा वर्मा रहे। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आयुषी निर्मल ने, द्वितीय स्थान अंजलि पंवार ने तथा तृतीय स्थान मीनाक्षी ने प्राप्त किया।
शिविर के सफल संचालन में डॉ० अशोक कुमार अग्रवाल एवं श्री अमीर सिंह का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *