महिला महाविद्यालय, हल्द्वानी में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तत्वावधान में आज दिनांक 24 फरवरी 2025 को “शैक्षणिक गतिविधियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की उपयोगिता” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका, महत्व और उसके शैक्षणिक गतिविधियों में संभावित उपयोगों से परिचित कराना था।
कार्यशाला का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 आभा शर्मा द्वारा किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है।
एआई न केवल शिक्षण प्रक्रियाओं को आसान बना रहा है, बल्कि यह छात्रों के सीखने की क्षमता को भी विकसित कर रहा है। उन्होंने एनएसएस द्वारा आयोजित इस प्रकार की कार्यशालाओं को छात्राओं के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
इस अवसर पर एनएसएस प्रभारी डॉ0 रितुराज पंत ने एनएसएस की भूमिका और इस कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एआई के प्रयोग से छात्राएँ अपनी अध्ययन विधियों को आधुनिक बना सकती हैं और अधिक प्रभावी ढंग से ज्ञान अर्जित कर सकती हैं।
कार्यशाला में जीआईसिटी के मार्केटिंग प्रबंधक पवन कुमार ने एआई के व्यावहारिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार एआई आधारित टूल्स, चैटबॉट्स, डेटा एनालिटिक्स और अन्य तकनीकों का उपयोग शिक्षण एवं शोध कार्यों में किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों को एआई के विभिन्न अनुप्रयोगों पर व्यावहारिक जानकारी दी और इस तकनीक के महत्व को समझाया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 गीता पंत द्वारा किया गया। उन्होंने पूरे सत्र के दौरान उपस्थित छात्राओं को एआई से जुड़ी नई जानकारियों से अवगत कराया और उनके प्रश्नों के उत्तर दिए।
दो दिवसीय इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में एनएसएस स्वयंसेवियों ने भाग लिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। छात्राओं ने एआई की मदद से शिक्षण पद्धतियों को बेहतर बनाने के संबंध में अपने अनुभव साझा किए और इससे जुड़ी नवीनतम तकनीकों को सीखने में रुचि दिखाई।
इस अवसर पर बद्रीश कुमार , सुमित मौर्या इंजीनियर पहुप जैन सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षक इतर कर्मचारी उपस्थित रहे।