राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में साइबर सिक्योरिटी पर हुआ पांच दिवसीय कोर्स का शुभारम्भ

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राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा में केंपस प्लेसमेंट एवं करियर काउंसलिंग सेल तथा जानकी देवी बजाज कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में साइबर सिक्योरिटी एवं वेब सिक्योरिटी विषय पर एक पांच दिवसीय वैल्यू एडेड कोर्स का शुभारम्भ किया गया जो की 16 जनवरी से 21 जनवरी तक संचालित होगा।

इस कार्यक्रम में राजकीय कला कन्या महाविद्यालय की 150 छात्राओं ने तथा जानकी देवी बजाज की 40 छात्राओं ने पंजीकरण करवाया. यह कार्यक्रम ए.एस.डी.एन. साइबर्नेटिक अकादमी कोटा के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में कैंपस प्लेसमेंट सेल की संयोजक डॉ. ज्योति सिडाना ने बताया आज हम डिजिटल युग में जी रहे हैं जिसके अनेक लाभ है तो नुकसान और चुनौतियाँ भी हैं. पर खतरों को देखते हुए यह तो संभव नहीं है कि हम विकसित टेक्नोलॉजी का उपयोग करना बंद कर दे बल्कि हमे इस टेक्नोलॉजी निर्देशित समाज के साथ सामंजस्य करके चलना सीखना होगा। क्योंकि आज का समाज निगरानी मूलक समाज है जहाँ हम हर समय कैमरे की नजर में रहने को विवश हैं।

अतः हम सभी को यह जानना जरुरी है कि कैसे हम इन खतरों का सामना करें और न केवल खुद बचे अपितु दूसरों को भी जागरूक करें. महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सीमा चौहान ने अतिथियों का स्वागत किया और छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए इस कार्यशाला के महत्त्व की चर्चा की।

हम समय के साथ चलते हुए टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग करें और उसके खतरों और चुनौतियों का भी सामना कर सके तभी एक विकसित और सुरक्षित राष्ट्र बन पाएगा. साइबर्नेटिक संस्था की फाउंडर और मुख्य प्रशिक्षक सुश्री रिद्धि सोरल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए साइबर सिक्योरिटी और वेब सिक्योरिटी की प्रमुख शब्दावली से छात्राओं को परिचित करवाया।

उन्होंने बताया कि किस तरह से विभिन्न प्रकार के फ्रॉड या धोखाधड़ी इंटरनेट के माध्यम से की जा रही है और जाने अनजाने हम सभी कभीं न कभी इसका शिकार हो रहे हैं।

इस कोर्स में डिजिटल अरेस्ट, वित्तीय धोखाधड़ी, डीप फेक, फिशिंग, हैकिंग, पासवर्ड अटैक, मालवेयर, फेक प्रोफाइल और फेक वेबसाइट इत्यादि को पहचानना और उन सबसे कैसे बचा जा सकता है, को प्रैक्टिकल करके सीखेंगे।

ऑनलाइन रह कर भी हम कैसे साइबर खतरों से बच सकते हैं और दूसरों को भी बचा सकते हैं यह सीखना इस कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य है।

कार्यशाला में डॉ. पारुल सिंह, डॉ. धरम सिंह, डॉ. गिरेन्द्र पाल सिंह, जानकी देवी बजाज कॉलेज से डॉ. पूनम जयसवाल और डॉ. नीतिका सिंह उपस्थित रहे।

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