राजकीय महाविद्यालय पाबौ में दिनांक 21 नवंबर 2024 को एक- दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय था “तनाव प्रबंधन”।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन ऑफलाइन तथा ऑनलाइन दोनों माध्यमों पर किया गया।
जिसमें ऑनलाइन माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों जैंसे, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों से प्रतिभागी जुड़े़ थे।
कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता ‘आर्ट ऑफ़ लिविंग’ के प्रशिक्षक श्री सुनील पंत रहे और मुख्य वक्ता मगध विश्वविद्यालय बोधगया बिहार से डॉ रविंद्र सिंह रहे।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन राजकीय महाविद्यालय पाबौ, राजकीय महाविद्यालय मोरी तथा राजकीय महाविद्यालय खिर्सू, के संयुक्त तत्वाधान में हुआ| कार्यशाला की शुरुआत अतिथियों के स्वागत एवं बैज अलंकरण से हुई| विषय प्रवर्तन राष्ट्रीय कार्यशाला के मुख्य संरक्षक राजकीय महाविद्यालय पाबौ के प्राचार्य प्रोफेसर सत्य प्रकाश शर्मा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन दो सत्रों में किया गया, प्रथम सत्र का संचालन डॉ.तनुजा रावत द्वारा किया गया तथा द्वितीय सत्र का संचालन डॉ.मुकेश शाह ने किया| आर्ट ऑफ़ लिविंग से आए प्रशिक्षक श्री सुनील पंत जी ने योग के माध्यम से खेल-खेल में ज्ञान को केंद्रित करने की विधियां सिखाई और साथ ही बताया की किस प्रकार शांत मन और मस्तिष्क से तनाव मुक्त रहा जा सकता है, इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि वह भविष्य तथा भूतकाल में रहने की बजाय वर्तमान में समय व्यतीत करें।
इसके बाद महाविद्यालय पाबौ की प्राध्यापिका डॉ.रजनी बाला द्वारा सभी प्रतिभागियों को कल्पना के माध्यम से प्रकृति का आभास करवाया गया और साथ ही उन्होंने बताया की किस प्रकार नवाचार के माध्यम से व्यक्ति कुछ समय देकर अपने अंदर विद्यमान प्रतिभा को निखार सकता है।
इसके बाद राजकीय इंटर कॉलेज जगतेश्वर के प्रधानाचार्य श्री नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने व्याख्यान में समय के सही प्रबंधन द्वारा तनाव मुक्त रहने की बात की साथ ही उन्होंनें दिनचर्या पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज की पीढ़ी को चाहिए कि वह रील लाइफ मे ना जी कर रियल लाइफ में जिएं।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में तनाव प्रबंधन के सैद्धांतिक पक्ष पर चर्चा हुई| जिसकी शुरुआत महाविद्यालय में शिक्षा शास्त्र के प्राध्यापक डॉ.सौरभ सिंह के व्याख्यान से हुई| उन्होंने मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रायड के द्वारा दिए गए तनाव प्रबंधन के उपचारों पर प्रकाश डाला| डॉ.गणेश चंद् ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से तनाव के कारण तथा उपचारों पर बात की| राजकीय महाविद्यालय मोरी के प्राध्यापक डॉ.कुलदीप द्वारा तनाव को परिभाषित कर अनावश्यक तनाव से बचने के उपाय बताए गए| राष्ट्रीय कार्यशाला के मुख्य वक्ता मगध विश्वविद्यालय के डॉ.रविंद्र सिंह ने भी स्लाइड प्रेजेंटेशन के माध्यम से 21वीं सदी में तकनीकी ,सामाजिक और शैक्षिक परिवर्तनों के द्वारा उपजे तनाव के बारे में बात की और इसके उपचार भी बताए| राजकीय महाविद्यालय पाबौ के प्राध्यापक डॉ.धनेंद्र कुमार द्वारा व्याख्यान की शुरुआत लोक गायन से हुई और साथ ही उन्होंने बताया कि व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहिए और सदैव आशावादी रहना चाहिए।
राजकीय महाविद्यालय पाबौ की प्राध्यापिका डॉ.सरिता ने तनाव के सकारात्मक तथा नकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला और साथ ही बताया कि जीवन में प्रगति के लिए तनाव का होना भी जरूरी है| इसके बाद राजकीय महाविद्यालय मोरी उत्तरकाशी के प्राचार्य तथा कार्यशाला के संरक्षक डॉ.रामकृपाल वर्मा ने राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन के लिए आयोजन समिति को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यस्थल पर तनाव को दूर रखने के लिए कर्मचारियों के बीच आपसी समन्वय की बात की और साथ ही बताया कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन भविष्य में भी होना चाहिए जिससे समाज तनाव जैसी मानसिक स्थितियों से जूझने में सफलता पा सके।
राजकीय महाविद्यालय खिरसू के प्रभारी प्राचार्य डॉ.डी.एस.चौहान ने भी राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन हेतु आयोजन समिति को धन्यवाद ज्ञापित किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में राजकीय महाविद्यालय पाबौ के प्राचार्य प्रोफेसर सत्य प्रकाश शर्मा ने तकनीकी उन्नति के कारण होने वाले मानसिक तनाव पर प्रकाश डाला और साथ ही बताया की प्रगतिशील समाज में तनाव को समाप्त नहीं किया जा सकता बल्कि हमें चाहिए कि हम तनाव का सफलतापूर्वक प्रबंध कर अपने कार्यों में दक्षता लेकर आए।
कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय की प्राध्यापिका डॉ.रजनी बाला के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुई, जिसमें उन्होंने इस राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजक सचिव एवं आइक्यूएसी प्रभारी डॉ.सौरभ सिंह, सह- सचिव डॉ.तनुजा रावत, संयुक्त सचिव डॉ.गणेश चंद ,संयोजक nu डॉ.मुकेश शाह ,सह-संयोजक श्री दीपक, तकनीकी समिति के संयोजक डॉ.धर्मेंद्र सिंह एवं कर्मचारी वर्ग का सफलतापूर्वक तनाव प्रबंधन जैसे ज्वलंत मुद्दे पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया|