कोटा, राजस्थान : सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री भारतेंदु हरिश्चंद्र जी के 174 वें जन्मदिवस के उपलक्ष में 9 सितंबर 2024 को पूरे भारत से आए हुए 15 साहित्यकारों को साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया ।
एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह , म. प्र. से प्रोफेसर उषा खंडेलवाल को उनके ग्रंथ ” आध्यात्मिक मान्यताओं का वैज्ञानिक प्रतिपादन पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के समन्वयात्मक दृष्टिकोण के संदर्भ में ” इस ग्रंथ पर साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान उन्हें राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री माननीय श्री मदन दिलावर जी के द्वारा दिया गया।
इसी के साथ उन्हें माननीय शिक्षा मंत्री महोदय जी के द्वारा श्री भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की स्मृति चिन्ह को भी उपहार स्वरूप दिया गया।
इस साहित्य सम्मेलन में भारत के कई प्रांत के साहित्यकारों को साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री फूलचंद शर्मा बरेली, ( हनुमान प्रसाद सक्सेना हिन्दी सम्मान ), डॉ. राजेंद्र माहेश्वरी जयपुर( स्वर सुधाश्री सम्मान ) एवं 13 साहित्यकारों को साहित्य श्री सम्मान दिया गया, जिनके नाम इस प्रकार हैं – डॉ. उषा खंडेलवाल एकलव्य विश्व विद्यालय दमोह म. प्र. , डॉ. गायत्री सिंह कानपुर, डॉ. वर्षा सिंह महाराष्ट्र, डा. संध्या सिंह सूफी झारखंड , श्रीमती रचना सरन प कोलकाता, पल्लवी दरक न्याती कोटा, श्रीमती पद्मावती पद्म आगरा, श्रीमती मंजू किशोर रश्मि कोटा डा. नीलप्रभा नाहर कोटा, डॉ. आदित्य गुप्ता, श्री महेश पंचोली कापरेन, श्री देवकीनंदन दर्पण, रोटेदा, श्री हेमराज सिंह हेम, कोटा।
इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि श्रीमान ओम बिरला (माननीय अध्यक्ष लोकसभा )अध्यक्ष – माननीय मदन दिलावर ( शिक्षामंत्री, राजस्थान सरकार, विशिष्ट अतिथि – श्रीमान गौतम कुमार दक ( सहकारिता मंत्री, राजस्थान सरकार ), विशिष्ट अतिथि – श्रीमान हीरालाल नागर ( ऊर्जा मंत्री, राजस्थान सरकार )के द्वारा साहित्यकारों को सम्मान दिया गया।
इस कार्यक्रम में कोटा शहर के चारों विधायक, श्री राजेशकृष्ण बिरला ( अध्यक्ष, अखिल भारतीय माहेश्वरी सभा ) का सहयोग एवं श्री रामेश्वर शर्मा, श्री प्रदीप सक्सेना, श्री देवेन्द्र कुमार सक्सेना एवं श्रीमती संगीता सक्सेना का भी अतुलनीय सहयोग रहा।
विगत 24 वर्षों से यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष 9 सितम्बर को सम्पन्न हो रहा है। भारतेंदु हरिश्चंद्र समिति के द्वारा हिंदी साहित्य जगत में जो कार्य किए जा रहे हैं, वह स्वयं प्रकाशित, प्रेरणा स्तंभ , ज्ञान का सेतु, राष्ट्रीय एकता की भावना से ओतप्रोत, प्रेम एवं सहकार की भावना जागृत करने वाले हैं।
हम भारतेंदु समिति के सभी सदस्यों का ह्रदय से सम्मान करते हैं ,हिंदी भाषा के पुनरोत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों को नमन करते हैं।