इंदर सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय पौखाल टिहरी गढ़वाल में प्राचार्य प्रो. ए. एन. सिँह जी के संरक्षण में एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
संगोष्ठी में सर्वप्रथम हिंदी विभाग के विभाग प्रभारी डॉ बी आर भद्री ने विद्यार्थीयों कों जल का महत्व बताते हुये सभी से जल संरक्षण करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहाँ कि जल के बिना जीवन कि कल्पना नहीं कि जा सकती है, इसीलिए हमें जल कों बर्बाद होने से रोकने कि आवश्यकता है ।
तत्पश्चात भूगोल विभाग के विभाग प्रभारी डॉ. के एल गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुये जल संरक्षण के उपाय बताये, उन्होंने कहा कि वर्षा का जल हमें किस प्रकार से संरक्षित करना चाहिए तथा उपलब्ध पानी किस प्रकार से उपयोग मे लाना चाहिए।
डॉ गुप्ता ने बताया कि हमारी सम्पूर्ण पृथ्वी पर स्वच्छ जल केवल 2.44 % ही है जिसमे से पेय योग्य केवल लगभग 0.5 % ही उपलब्ध है. अतः हमें बहुत अधिक सोच समझ कर जल का उपयोग करने कि आवश्यकता है।
डॉ. अंधरूति शाह विभाग प्रभारी अंग्रेजी विभाग ने अपने वक़्तव मे कहा कि पानी कि कमी आज के वर्तमान समय मे एक गंभीर समस्या है. यदि हम जल संरक्षित नहीं करेंगे तो भविष्य मे पानी के संकट से हम सभी कों जूझना पद सकता है। डॉ अनुरोध प्रभाकर विभाग प्रभारी अर्थशास्त्र विभाग ने बताया कि पानी सभी जीवजंतुओं , जैव अजैव तत्वों, सभी के लिए अति आवश्यक है इसलिए हमें पानी को बचाना चाहिए क्योँकि पानी पर किसी का भी निजी अधिकार नहीं है।
पानी तो सभी के लिए है. और सबका इसलिए पर समान अधिकार है. हम सभी बहुत भाग्यशाली है जो हम प्राकर्तिक संसाधनों से भरपूर राष्ट्र एवं स्वर्ग के समान राज्य मे जन्मे है। जहाँ पानी कि कमी नहीं है परन्तु भारत के कई ऐसे महानगर है जहाँ पीने योग्य पानी कि भरी कमी है, और धीरे धीरे पूरे देश मे पानी कि कमी का संकट बढ़ता जा रहा है अतः हम सबको इसलिए समस्या का एहसास होना चाहिए और पानी बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
समाजशास्त्र विभाग के विभाग प्रभारी डॉ. श्याम कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुये बताया कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल संकट का समाधान जल संरक्षण से ही संभव है।
उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है क्योंकि जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने हेतु जल अति आवश्यक है।
कार्यक्रम के अंत मे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एन. सिंह जी ने सभी कों सम्बोधित करते हुये कहा कि जल के बिना सुनहरे कल कि कल्पना नहीं कि जा सकती उन्होंने अवगत कराया कि किस प्रकार से हमें जल संरक्षण करना चाहिए।
प्राचार्य जी ने बताया कि हमें एकदिन मे जितने जल के आवश्यकता होती है उतना ही उपयोग मे लाना चाहिए। उन्होंने अपने वक़्तव मे कहा कि हमें अपने मोहल्ले, गाँव, व आस पास के क्षेत्रों मे जनजागरूक अभियान चलाकर जल संरक्षण करने हेतु लोगों कों प्रेरित करना होगा।
अंत मे प्राचार्य जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा भविष्य मे भी इस प्रकार के आयोजन एवं कार्यक्रम करवाये जाने का वचन दिया ताकि जलसंरक्षण व अन्य के प्रति समाज के नागरिक जागरूक हो सके तथा इस सेमिनार को सफल बनाने मे महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों कों बधाई दी।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक तथा कार्यक्रम समन्वयक डॉ. बी.आर.भद्री, डॉ अंधरूति शाह, डॉ. अनुरोध प्रभाकर, डॉ. श्याम कुमार व डॉ. के. एल.गुप्ता, के अतिरिक्त कर्मचारी श्री राजेन्द्र राणा, श्री मनोज सिंह राणा, श्रीमती कुसुम, श्री अनिल,श्री राजपाल सिंह, श्री रोशन लाल, श्री गंभीर, सहित महाविद्यालय के कई छात्र/छात्राएं, उपस्थित रहे।