डी पी उनियाल, गजा: संस्कृति और संस्कारों से ही सनातन धर्म की आस्था को बढ़ावा दिया जा सकता है , परिवार में अपनी संस्कृति, संस्कारों, रीति-रिवाजों, परम्पराओं, बोली भाषा,तथा धार्मिक भावनाओं की आस्था की ओर बच्चों से चर्चा की जानी चाहिए।
यह बात आचार्य रामलाल उनियाल ने विकास खंड चम्बा के ग्राम कृदवाल गांव में श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन करते हुए कही , उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाना हमारा कर्तव्य है।
धार अकरिया पट्टी के ग्राम कृदवाल गांव में रतन सिंह रावत, राजेंद्र सिंह रावत, ने अपने पिता स्वर्गीय श्री चन्द्र सिंह एवं माता स्वर्गीय श्रीमती जुरी देवी के मोक्ष प्राप्ति हेतु श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया।
कथा प्रवचन करते हुए आचार्य रामलाल उनियाल ने दुर्गा शक्ति के नौ रुपों, शिव, पार्वती, विष्णु, लक्ष्मी, ब्रह्मा, ब्रह्माणी,तथा माता अनुसुया का वर्णन सुनाया। प्रवचन करते हुए कहा कि माया मोह के बाद भी जो परब्रह्म परमात्मा का ध्यान निस्वार्थ सेवा भाव से करता है उसको अच्छे कर्मों का फल प्राप्त होता है। मन को वश में करना ही सबसे बड़ा संकल्प है ।
इस अवसर पर पंडित अनिल भूषण,सुनील उनियाल,पंकज उनियाल, जयंती प्रसाद उनियाल,विनोद बहुगुणा, मस्त राम सेमल्टी, पंकज विजल्वाण ने पूजा पाठ एवं भजन कीर्तन में सहयोग किया। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रीमती पूजा देवी, श्रीमती रेखा देवी ने सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया। कथा में राजेंद्र सिंह खाती, गजेन्द्र सिंह खाती , डी पी उनियाल, मोहनलाल कोठारी, बीरेंद्र प्रसाद, भगवान सिंह रावत,देव सिंह रावत सहित दर्जनों महिला, पुरुष शामिल हुए।