महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर 22 जनवरी को नासिक के कालाराम मंदिर में आरती में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या के पवित्र जन्मस्थान मंदिर में निर्धारित प्रभू श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि यह पावन अवसर संपूर्ण भारत वर्ष के लिए हर्षोल्लास के साथ हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख श्री बालासाहेब वाकरे के धर्म संकल्प पूर्ति की पूर्णाहुति है।
उन्होंने लिखा भगवान श्रीराम के आदर्श केवल हिंदू या हिंदुत्व तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र की अस्मिता और आस्था के भी प्रतीक हैं। यहां महाराष्ट्र में भी उसी आस्था पर्व की मंगल अभिलाषा की जा रही है। हमने २२ जनवरी के पावन उपलक्ष पर नासिक क्षेत्र में प्रभू श्रीराम के महापूजन और महाआरती का दिव्य संकल्प लिया है।
अयोध्या भगवान श्रीराम का जन्म क्षेत्र है तो नासिक-पंचवटी दंडकारण्य उनका कर्म क्षेत्र। उनके वनवास काल में यहां के आदिवासी-वनवासियों से आत्मीय संबंध रहे हैं। उन्होंने बहुतांश लीलाएं इसी क्षेत्र में की हैं, जिनके जीवंत प्रमाण आज भी यहां मौजूद हैं। उन्हीं प्रमाणों का प्रतीक रुप है नासिक का कालाराम मंदिर। हमारा आयोजन इसी धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व वाले मंदिर में निर्धारित है।
उन्होंने लिखा कि, अतीत में भी सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तत्कालीन राष्ट्रपति सम्माननीय राजेंद्र प्रसाद जी के हाथों हुई थी। अर्थात, नासिक में आपकी उपस्थिति अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की गरिमा भी बढ़ाएगी और राजेंद्र प्रसादजी द्वारा स्थापित परिपाटी को भी बरकरार रखेगी।
अतः हमारा आग्रह और आमंत्रण है कि देश की प्रथम नागरिक के रूप में आप नासिक पधारकर हमें अनुग्रहीत करें। हमें आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास भी है कि आप इस कर्म प्रधान राष्ट्र में, कर्म योगी श्रीराम के कर्मक्षेत्र नासिक में पधारकर न केवल आदिवासी, सनातनी हिंदुओं को गौरवान्वित होने का अवसर देंगी, बल्कि १४० करोड़ देशवासियों में भी उमंग का संचार करेंगी।