एडवेंचर टूरिज्म को नया आयाम देने के लिए उत्तराखंड राज्य इस साल के अंत तक भारत की पहली जाइरोकॉप्टर सफारी शुरू करने जा रहा है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जो जाइरोकॉप्टर सफारी शुरू करेगा। इसका अनावरण बीते दिनों हुए उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट में एक पर्यटन सत्र के दौरान किया गया था।
जिलाधिकारी हरिद्वार, श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने शनिवार को बैरागी कैम्प के ग्राउण्ड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से जॉयरोकॉप्टर के परीक्षण उड़ान का सफलतम शुभारम्भ किया। उन्होंने स्वयं साहसिक जॉयरोकॉप्टर में उड़ान भी भरी।
जॉयरोकॉप्टर के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने अवगत कराया कि जॉयरोकॉप्टर एक प्रकार का छोटा हैलीकॉप्टर है, जिसका उपयोग उत्तराखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद द्वारा जॉयरोकॉप्टर द्वारा हिमालयन सफारी आयोजित कराई जायेगी।
जाइरोकॉप्टर सफ़ारी एक रोमांचक और अनोखे साहसिक कार्य की तरह लगती है। जाइरोकॉप्टर, जिन्हें ऑटोगाइरोस या जाइरोप्लेन के नाम से भी जाना जाता है, छोटे, हल्के विमान हैं जो हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज के मिश्रण से मिलते जुलते हैं। उनके पास एक बिना शक्ति वाला रोटर होता है जो लिफ्ट उत्पन्न करता है, और उन्हें आम तौर पर एक खुले कॉकपिट से संचालित किया जाता है। जाइरोकॉप्टर सफारी में इन जाइरोकॉप्टर का उपयोग करके हवा से प्राकृतिक परिदृश्य, वन्यजीव अभ्यारण्य या सुंदर क्षेत्रों को देखना शामिल होगा।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद कर्नल श्री अश्विनी पुण्डीर ने इसे ऐतिहासिक मौका बताते हुए कहा कि इस जॉयरोकॉप्टर की भारत में सर्वप्रथम सफलतम पहली उड़ान परीक्षण के तौर पर उत्तराखण्ड के हरिद्वार में की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जॉयरोकॉप्टर द्वारा राज्य के विभिन्न दर्शनीय स्थलों की हिमालयन हवाई सफारी योजना शीघ्र ही घरातल पर उतारी जायेगी।
उन्होंने कहा कि ब्रेकफॉस्ट टूरिज्म के तहत उतारी गयी इस योजना में पर्यटक एक स्थल से जॉयरोकॉप्टर में उड़ान भर हिमालयी चोटियों, नदियों की प्राकृतिक छटा का आनन्द लेते हुए दूसरे गतंव्य पर पहुँचेंगे तथा उस गतंव्य पर कुछ समय व्यतीत कर जॉयरोकॉप्टर द्वारा वापस अपने स्थान पर लौटेंगे।
कर्नल पुण्डीर ने इस साहसिक पर्यटन के सम्बन्ध में आगे जानकारी देते हुए बताया कि यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड में प्रयोग किये जाने वाले जॉयरोकॉप्टर जर्मनी से आयात किये गये हैं, जिन्हें प्रारम्भ में जर्मनी में प्रशिक्षित पायलटों द्वारा ही उड़ाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न गंतव्यों में नागरिक उड्डयन विभाग तथा जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर जॉयरोकॉप्टर हेतु हवाई पट्टियों के निर्माण की योजना भी गतिमान है। उन्होंने कहा कि जॉयरोकॉप्टर साहसिक पर्यटन योजना राज्य के दूरस्थ गर्तव्यों में पर्यटन विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
इस अवसर पर रजस एयरो स्पोर्ट्स एवं एडवेंचर प्रा0 लि0 के एमडी श्री मनीष सैनी, ईडी श्री लोकेश कुमार, निदेशक ओपीएस कर्नल मुकेश यादव, ओपीएस मैनेजर श्री हुकुम सिंह, जनरल मैनेजर श्री अजय दुबे, जिला पर्यटन विकास अधिकारी श्री सुरेश सिंह यादव, आधिशासी अभियंता लोक निर्माण् श्री प्रवीण कुमार, एई अमित वर्मा, ठेकेदार भूप सिंह सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।