हरिद्वार: हरिद्वार के ज्वालापुर में काफी क्षेत्रफल में शत्रु संपत्ति मौजूद है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों में कुछ अफसरों और कर्मचारियों ने लोगों से सांठगांठ कर शत्रु संपत्ति की रजिस्ट्री करवानी शुरू कर दी थी।
ज्वालापुर क्षेत्र स्थित शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के आरोप में दो पीसीएस अधिकारी, हरिद्वार के चर्चित एडवोकेट पहल सिंह वर्मा सहित 28 लोगों के खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया है। एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने मुकदमे की पुष्टि की है।
क्या है शत्रु सम्पत्ति?
शत्रु सम्पत्ति अधिनियम 1968 भारतीय संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसके अनुसार शत्रु सम्पत्ति पर भारत सरकार का अधिकार होगा। [1] पाकिस्तान से 1965 में हुए युद्ध के बाद 1968 में शत्रु संपत्ति (संरक्षण एवं पंजीकरण) अधिनियम पारित हुआ था। इस अधिनियम के अनुसार जो लोग बंटवारे या 1965 में और 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली थी, उनकी सारी अचल संपत्ति ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित कर दी गई। उसके बाद पहली बार उन भारतीय नागरिकों को संपत्ति के आधार पर ‘शत्रु’ की श्रेणी में रखा गया, जिनके पूर्वज किसी ‘शत्रु’ राष्ट्र के नागरिक रहे हों। यह कानून केवल उनकी संपत्ति को लेकर है और इससे उनकी भारतीय नागरिकता पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है।
क्या है मामला सम्पत्ति?
मामला हरिद्वार जिले के ज्वालापुर क्षेत्र स्थित 21 बीघा शत्रु संपत्ति से जुड़ा हुआ है, इस संपत्ति को सरकार में निहित किया जाना था, लेकिन तत्कालीन पीसीएस अधिकारी भू-माफिया और वकील ने सांठ-गांठ करके शत्रु संपत्ति को बेच दिया।
जमीन की 10 से अधिक रजिस्ट्री करवाई गई, जिसकी शिकायत विजिलेंस से की गई थी जांच में मामला सही पाए जाने पर विजिलेंस देहरादून ने दो पीसीएस अधिकारी, हरवीर सिंह, अनिल कुमार कंबोज, सुखपाल सिंह, नीरज तोमर, विजेंद्र गिरी, विजेंद्र कश्यप, श्रवण कुमार, एस.बी. शर्मा, हरिकृष्ण शुक्ला, मायाराम वर्मा, एडवोकेट पहल सिंह वर्मा, एडवोकेट सज्जाद, दस्तावेज लेखक मोहनलाल शर्मा, दस्तावेज यशपाल सिंह चौहान, एडवोकेट राजकुमार उपाध्याय, रियाज, शरीफ, शौकत वहीदा, सलीम, जुलेखा, कारी मुस्तफा, कोमल, विनोद मलिक, रेशमा, प्यारेलाल, सफदर अली और संजीदा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
दो पीसीएस अधिकारी, लेखपाल, कई वकील के नाम मुकदमा दर्ज होने से हड़कंप मचा हुआ है। हरिद्वार तहसील में प्रेक्टिस करने वाले चर्चित वकील पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इस चर्चित वकील का नाम आए दिन रजिस्टार ऑफिस मे अधिकारियों से साठ-गांठ कर विवादित संपत्तियों की रजिस्ट्री करने से जुड़ता रहा है, अभी पिछले दिनों एक करोड़ से ज्यादा की स्टांप चोरी की रजिस्ट्री भी इसी चर्चित वकील द्वारा कराई गई थी। पिछले दिनों स्टांप चोरी कर एक होटल की रजिस्ट्री भी इनके द्वारा मकान के रूप में कराई गई है, वह मामला भी जल्द उजागर होने वाला है अब इस चर्चित वकील की मुसीबतें बढ़ना तय माना जा रहा है।