सात दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिवस पर पुस्तक मेला एवं पुस्तक परिचर्चा आयोजित

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महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय, नानकमत्ता में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सात दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिवस पर पुस्तक मेला एवं पुस्तक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों में पठन-पाठन की संस्कृति को बढ़ावा देने तथा पुस्तकों के माध्यम से बौद्धिक एवं वैचारिक जागरूकता के उद्देश्य को सफलतापूर्वक साधा गया।

दिवस की शुरुआत महाविद्यालय परिसर में सामूहिक प्रार्थना, योग एवं व्यायाम सत्र से हुई। आशीर्वाद योग स्टूडियो की प्रशिक्षक सुश्री महक राठौर एवं सुश्री कुनिका राठौर द्वारा आयोजित इस सत्र में स्वयंसेवकों ने योगाभ्यास कर शारीरिक एवं मानसिक सुदृढ़ता का अनुभव किया। प्रशिक्षकों ने योग को समग्र जीवनशैली में अनिवार्य बताते हुए विद्यार्थियों को नियमित अभ्यास के लिए प्रेरित किया।

दोपहर सत्र में आयोजित पुस्तक मेला एवं पुस्तक परिचर्चा का उद्घाटन नगर पंचायत, नानकमत्ता के अध्यक्ष श्री प्रेम सिंह टुरना ने किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी वरुण अग्रवाल, किताब कौथिग अभियान के संस्थापक हेम पंत, वरिष्ठ पुस्तक अध्येता शंकर सिंह बसेड़ा, डॉ. प्रशांत जोशी, डॉ. कमलेश अटवाल, प्रीति अटवाल एवं प्रमोद कांडपाल सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने प्रतिभाग किया।

नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेम सिंह टुरना ने उद्घाटन वक्तव्य में कहा, “पुस्तकें वे दीपक हैं, जो मनुष्य को अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाती हैं। पढ़ना केवल ज्ञान प्राप्ति नहीं, बल्कि जीवन दर्शन और दृष्टिकोण में परिवर्तन का माध्यम है।”

किताब कौथिग अभियान के संस्थापक हेम पंत ने कहा, “पढ़ने वाला व्यक्ति दुनिया को अनेक नजरियों से देख पाता है। पुस्तक मेला न केवल किताबों का, बल्कि विचारों और संवाद का उत्सव है। हर पुस्तक एक नई यात्रा है, जो आत्मबोध और सामाजिक जागरूकता का माध्यम बनती है।”

वरिष्ठ समाजसेवी वरुण अग्रवाल ने कहा,  “किताबें विचारों के बीज हैं, जो रचनात्मकता और बौद्धिकता को विकसित करती हैं। पढ़ने की आदत जीवन को दिशा देने वाला दीपक है और पुस्तक मेले जैसी पहल समाज में बौद्धिक ऊर्जा का संचार करती हैं।”

नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के संस्थापक डॉ. कमलेश अटवाल ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “पढ़ने वाला समाज ही नवाचार और प्रगति की राह पर अग्रसर होता है। किताबें हमारी संस्कृति और सभ्यता का दर्पण हैं, जो विचारशील समाज के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।”

विशिष्ट अतिथि श्री शंकर सिंह बसेड़ा ने पुस्तकों से जुड़ाव के अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि “उनसे अक्सर लोग सवाल किया करते थे, तो उन्होंने सोचा कि अगर वे किताब पढ़ेंगे तो उन्हें लोगों के सवालों के जवाब उन किताबों में मिल जाएंगे लेकिन जब उन्होंने किताब पढ़ी तो उन्हें यह एहसास हुआ कि लोगों के सवालों का जवाब देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि लोगों के सभी सवालों के जवाब तो किताबों में ही उपलब्ध होते हैं।”

महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. अंजला दुर्गापाल ने कहा,”पठन संस्कृति विद्यार्थियों में तर्कशीलता, विश्लेषण क्षमता और नवाचार की प्रवृत्ति विकसित करती है। पठन-पाठन केवल सूचनाओं का संग्रह नहीं है, यह आलोचनात्मक दृष्टि और सामाजिक उत्तरदायित्व को भी जन्म देता है।”

पुस्तक परिचर्चा सत्र में शिविरार्थियों ने पुस्तक मेले में पढ़ी गई पुस्तकों से प्राप्त अनुभव, सीख और प्रेरणा साझा की। इस अवसर पर प्रकाश कौर, कपिल सिंह, उमेद कुमार, अमनदीप सिंह, दीपक कुमार भट्ट, अनीता भट्ट, महिमा राणा सहित सभी स्वयंसेवकों ने सक्रिय सहभागिता निभाई और पठन से जुड़े व्यक्तिगत अनुभव प्रस्तुत किए।

पुस्तक परिचर्चा कार्यक्रम के अंतर्गत आज 23 मार्च को शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु एवं अवतार सिंह “पाश” के शहादत दिवस के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा उनके योगदान को याद करते हुए सभी शिविरार्थियों से उनके बताए गए मार्ग का अनुसरण करने का आह्वान किया गया।

कार्यक्रम में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने विभिन्न विधाओं की पुस्तकों का अवलोकन कर पठन के महत्व पर चर्चा की। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रवि जोशी ने बताया कि आगामी दिनों में शिविर के अंतर्गत प्रवासी पक्षी संरक्षण एवं जागरूकता, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य जागरूकता एवं स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

सायंकालीन सत्र में घनिष्ठ मिश्रा अकादमी, खटीमा के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा एवं मार्शल आर्ट्स का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में स्वयंसेवकों ने विपरीत परिस्थितियों में आत्मरक्षा की विभिन्न तकनीकों का अभ्यास किया। इस पहल ने विशेष रूप से छात्राओं में आत्मबल एवं आत्मविश्वास का संचार किया।

दिवस के समापन पर स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से “हम होंगे कामयाब” गीत का गायन कर एकता, सहयोग एवं दृढ़ संकल्प का भाव प्रकट किया। तत्पश्चात शिविर परिसर एवं आस-पास के क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाकर स्वयंसेवकों ने स्वच्छ भारत मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दोहराया।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. अंजला दुर्गापाल, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रवि जोशी, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. विद्या शंकर शर्मा, प्रो. मृत्युंजय शर्मा, डॉ. निवेदिता अवस्थी, डॉ. ललित सिंह बिष्ट, डॉ. स्वाति लोहनी, डॉ. मंजुलता जोशी, डॉ. निशा परवीन, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. दर्शन सिंह मेहता, डॉ. चंपा टम्टा, डॉ. उमेश जोशी, डॉ. शशि प्रकाश सिंह सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, महेश कन्याल, राम जगदीश सिंह, विपिन थापा, सुनील कुमार, संतोष चन्द, उमेद कुमार, रजविंदर कौर, किरन भट्ट, परमजीत कौर, अनीता भट्ट, कपिल सिंह, योगेश उपाध्याय एवं सभी स्वयंसेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुचारु रूप से शिवानी जोशी द्वारा किया गया।

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