श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय: चतुर्थ दीक्षान्त समारोह सफलतापूर्वक संपन्न

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देहरादून (उत्तराखंड) 21 फरवरी, 2024 : श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षान्त समारोह 2024 विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर में बने नवीन ऑडिटोरियम स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में किया गया। नवनिर्मित प्रेक्षागृह का उ‌द्घाटन कुलाधिपति/राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) एवं राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया।

चतुर्थ दीक्षांत समारोह में 19849 स्नातक/स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान के साथ-साथ 69 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया।


तीनों संकाय (विज्ञान, कला एवं वाणिज्य) में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को श्री देव सुमन गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया साथ ही राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी ने जो ज्ञान अर्जित किया है उसका उपयोग अंतिम पायदान पर खडे़े व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम की भावना से अपनी क्षमताआें और कुशलताआें का उपयोग भारत को विकसित राष्ट्र, सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र और विश्व गुरु भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपना योगदान दें।

राज्यपाल ने कहा कि सभी गोल्ड मेडल विजेताओं, पोस्ट ग्रेजुएट एवं ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त करने वाले सभी स्टूडेंट्स को मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। सभी विद्यार्थियों के अभिभावक एवं टीचर्स भी विद्यार्थियों की सफलता के लिए हृदय से बधाई के पात्र हैं, क्योंकि टीचर्स के मार्गदर्शन और अभिभावकों के त्याग एवं मेहनत से ही ये विद्यार्थी आज इस मुकाम पर पहुँच पाए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि इस विश्वविद्यालय के आदर्श शहीद श्रीदेव सुमन हैं। मात्र 28 वर्ष के जीवनकाल में जननायक श्रीदेव सुमन जी ने जिन नागरिक अधिकारों, सामाजिक न्याय एवं स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु गांधीवादी तरीकां से संघर्ष किया वह अभूतपूर्व एवं अविस्मरणीय है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज हमारी बेटियां सबसे आगे निकल गई हैं, जिन्होंने हर क्षेत्र में अपना स्थान बनाया है, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अब क्रांति भी हमारी बेटियां ही लाएंगी, जिनकी कामयाबी से आज काफी हर्ष हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत काफी बदलाव भी हुआ है जो की सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र की ओर ले जाएगा तभी भारत विश्व गुरु का स्थान प्राप्त कर सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर भी संतोष जताया। हमारी सभ्यता और संस्कृति आदिकाल से चली आ रही है, जिसे बनाए रखना प्रत्येक छात्र का कर्तव्य है।

इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी कैंपस के लिए पहली बार भारत सरकार ने दिल खोलकर शिक्षा के लिए बजट दिया है, माध्यमिक शिक्षा के लिए 100 करोड़ रुपये जबकि उच्च शिक्षा के लिए अब तक 120 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। उच्च शिक्षा के लिए अभी 200 से 300 करोड़ रुपए और मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार ने छात्रों के प्रोत्साहन तथा शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भी योजनाएं शुरू की है उन्होंने कहा कि सरकार नेक पाने वाले महाविद्यालय को 5 लाख तक का पारितोषित प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि रिसर्च के लिए प्रत्येक छात्र का 5000 रुपए मासिक दिया जाएगा 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्रों को 3000 से 5000 रुपए तक मासिक भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के स्तर को गुणवत्ता प्रदान करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में छात्रों को शत् प्रतिशत पुस्तक उपलब्ध कराई जाएगी महाविद्यालय में फर्नीचर, बिल्डिंग, लर्निंग कंप्यूटर आदि की पर्याप्त व्यवस्थाएं प्रदान की जाएंगी।

श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति एन के जोशी ने बताया कि ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन स्नातकोत्तर के तीन विषय इतिहास, मानव विज्ञान, चित्रकला में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को कैप्टन शूरवीर सिंह पंवार गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में नव-निर्मित विवेकानंद हॉल का उ‌द्घाटन कुलाधिपति एवं अतिथियों के द्वारा किया गया, जिसका निर्माण कार्य 6 माह में पूर्ण किया गया इसी हॉल में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।

विश्वविद्यालय के अकादमिक व प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने एवं जवाबदेही तय करने के लिए श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा ई०आर०पी० पोर्टल तैयार कर समस्त कार्यों को डिजिटाइज किया गया। श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के सत्र को नियमित कर दिया गया है एवं सभी बैकलॉग परीक्षा परिणामों को घोषित कर दिया गया है।

भारतीय ज्ञान परम्परा उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना भी विश्वविद्यालय द्वारा ऋषिकेश परिसर में की गयी है। जिसमें विभिन्न शोध परियोजनाओं, सम्मेलनों, फैकल्टी डेवत्पमेंट प्रोग्राम, विशिष्ट लेक्वर्स के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्परा से सम्बन्धित विषयों का गहन विमर्श तथा परम्परागत ज्ञान व आदर्शों को समाज को पुर्नस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का यह एक महत्वपूर्ण घटक है।
विश्वविद्यालय ने नवाचार की दशा में एक और पहल करते हुए पेटेंट सेल स्थापित किया है, जिसके तहत यूकास्ट उत्तराखण्ड से एमओयू भी किया गया है।

विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक पेटेंट के लिए विद्यार्थियों को खर्च भी पूर्ण धनराशि तथा संकाय सदस्यों को 50 प्रतिशत राशि का अनुदान दिया जायेगा। विश्वविद्यालय को अनुसंधान, परामर्श और सामुदायिक सेवाओं में उत्कृष्टता प्रदान कर राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने हेतु विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश में विभिन्न सेत एवं सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये गये हैं, जिसमें भारतीय ज्ञान परम्परा, आपदा प्रबन्धन, संकाय विकास केन्द्र, अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, छात्रध्विश्वविद्यालय हित में प्रमुखता से कार्य कर रहे हैं, साथ ही इनोवेशन, इनक्यूबेशन, स्टार्टअप एंटरप्रेन्योर प्रमोशन, कौशल विकास में उत्कृष्टता केन्द्र भी स्थापित किये गये हैं।

विश्वविद्यालय के विकास तथा प्रतिष्ठा में एलुमिनाई की भूमिका को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय ने हाल ही में एलुमिनाई सेल की स्थापना की है। विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में फैकल्टी डेवत्पमेंट प्रोग्राम, राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय सेमिनार, कार्यशालाएं, व्याख्यान एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। विश्वविद्यालय ने बहुत से विशिष्ट एवं ख्याति प्राप्त संस्थानों के साथ एमओयू करके अनुसंधान और विनिमय कार्यक्रमों के लिए सहयोग की दिशा में पहल की की है।

विश्वविद्यालय ने यूकास्ट, यूसर्क, एम्स ऋषिकेश, डीएनए तैब्स देहरादून, सोसाइटी ऑफ पोल्यूशन एड इन्वायरमेन्टत कर्जवन्शन साइंटिस्ट (स्पेक्स) के के साथ विभिन्न एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं व कई एमओयू गतिमान 12 हमारा प्रयास होगा कि श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय प्रदेश के शिक्षा का अग्रणी केंद्र बने इसके लिए अन्य विश्वविद्यालयों, उद्योगों, शोध संस्थान से एमओयू किये जाएंगे शोध कार्यों को प्रोत्साहित किया जायेगा। रोजगार के अनुकूल पाठ्यक्रम चलाये जाएंगे।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, कार्यपरिषद एवं शैक्षिक परिषद के मा0 सदस्य गण, रूसा सलाहकार, महाविद्यालयों/सम्बद्ध संस्थानों के प्राचार्यगण, विश्वविद्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।

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