डॉ० राम भरोसे (हिंदी विभाग प्रभारी)
शहीद बेलमती चौहान राजकीय महाविद्यालय पोखरी (क्वीली) टिहरी गढ़वाल के हिंदी विभाग के तत्वावधान में आज ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ मनाया गया. हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ० राम भरोसे ने इस विचार गोष्ठी का सञ्चालन किया. कार्यक्रम संयोजक डॉ० राम भरोसे ने बताया कि इस वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ की थीम रही “बहुभाषी शिक्षा अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ है“। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य महोदय डॉ० शशि बाला वर्मा ने कुमाऊँ भाषा में अपनी बात रखते हुए सभी विद्यार्थियों को कार्यक्रम हेतु आशीर्वचन प्रदान किया.
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़ का प्रतिभाग किया. महाविद्यालय की छात्राओं ने अपनी मातृभाषा में अनेक प्रस्तुतियों से सभागार का मोह लिया. बच्चों ने गढ़वाली गीत, कविता, भाषण, लोक गीत प्रस्तुत किए. महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ० मुकेश सेमवाल ने गढ़वाली गीत ना दौड़ ना दौड़ तै उंदारयों का बाटा………के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किये. इसके बाद श्री नरेंद ने गढ़वाली मातृभाषा में सिद्ध पीठ घंटाकर्ण देवता के विषय में बच्चों को बताया. संस्कृत के प्राध्यापक डॉ० विवेकानंद भट्ट ने गढ़वाली गीत लायूं छौ भाग छाठी की…… प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अंत में भूगोग विभाग की प्राध्यापिका डॉ० सुमिता पंवार ने बेटी पर आधारित मार्मिक गढ़वाली गीत सैसर का डांडा माजी लागदी डार ………. से पूरा सभागार को भावुक कर दिया. श्रीमती अमिता एवं श्रीमती सुनीता ने भी गढ़वाली भाषा में अपने विचार और अनुभव बच्चों से साझा किये.
साथ ही इस अवसर पर महाविद्यालय के कार्यालयी कर्मचारी श्रीमती रचना राणा, श्रीमती रेखा नेगी, कार्यक्रम के तकनीकी सहायक श्री अंकित कुमार, श्रीमती सुनीता, श्री नरेश, श्री मूर्ति लाल तथा काजल, सुस्मिता, प्रियंका, सावित्री, प्रियांशी, वर्षा, मीनाक्षी, पूनम, पूजा, ज्योति, मानसी, अंजना, शिवानी, रीतिका, मनीषा, वंदना, प्रीति, सुमन, प्रियंका, पूजा इत्यादि बच्चों ने भी कार्यक्रम में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई.