राजकीय स्नात्तोकत्तर महाविद्यालय मालदेवता में विश्व दलहन दिवस के अवसर
गृहविज्ञान संकाय द्वारा व्याख्यान सह-रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य दैनिक आहार में दालों को शामिल करने के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना था l कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा की गयी। कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ. डिंपल भट्ट के व्याख्यान से हुई।
उन्होंने दैनिक दिनचर्या में पारंपरिक दालों को शामिल करने का महत्व बताया। इसके साथ ही दलहन व इसके शाकाहारी गुण के कारण भारतीयों को अपनी प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इसे अनिवार्य रूप से अपने दैनिक भोजन मे शामिल करने पर जोर दिया।
राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्रनगर की डाँ० सोनी तिलारा, असि० प्रो० बी०एस-सी० गृह विज्ञान द्वारा आनलाइन माध्यम से अपने अतिथि व्याख्यान मे दालों के वर्गीकरण और भारतीय आहार में इसके महत्व के बारे में जानकारी प्रदत्त की। उन्होंने “इंटरनेशनल पल्सेस डे”मनाने की प्रासंगिकता के विषय में छात्र-छात्राओं को जागरूक किया, साथ ही दाल एवं फलियों के पौष्टिक मान बढ़ाने के लिए उपयोग की जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं के संबंध में भी छात्रों को अवगत कराया तथा दाल और फलियों में उपस्थित पोषण अवरोधक कारकों को पृथक करने में उपयोग किए जाने वाली प्रक्रियाओं को अपनाने के पर भी बल दिया।
कार्यक्रम में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें छात्राओं द्वारा दाल के प्रयोग से आकर्षक रंगोली बनाई गई। प्रतियोगिता मे सिमरन ने प्रथम स्थान, प्राची व ज्योति ने द्वितीय स्थान, व अर्चिता, अनन्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन मे प्राचार्य महोदय द्वारा समस्त छात्र-छात्राओं को अपने दैनिक आहार में दालों को सम्मिलित करने की सलाह दी गई तथा छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड में होने वाले विभिन्न दालों एवं फलियां से अवगत कराया गया तथा उनके लाभ बताए गए l
कार्यक्रम के अंत में विभाग प्राध्यापिका श्रीमती पूजा रानी द्वारा अतिथि वक्ता का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए छात्राओं को अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस की बधाई दी, साथ ही उन्होंने दाल को दैनिक आहार में प्रयोग किए जाने के लिए विभिन्न प्रयुक्त नए व्यंजन की विधि, जिससे दाल के उत्पाद को स्वादिष्ट बनाकर प्रतिदिन अपने आहार में शामिल किया जा सकता है,बारे में भी जानकारी दी ।