राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय पैठाणी में हरेला पखवाड़ा के तहत हुआ वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजन

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राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय पैठाणी में हरेला पखवाड़ा के तहत हुआ वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजन

पैठाणी, पौड़ी गढ़वाल। राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय बनास पैठाणी पौड़ी गढ़वाल की नमामि गंगे इकाई द्वारा हरेला पखवाड़ा के तहत प्राचार्य प्रो. (डॉ.) विजय कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में एक पेड़ मां के नाम थीम के साथ बृहद रूप से वृक्षारोपण अभियान शुरू किया।

प्राचार्य प्रो. अग्रवाल ने सबसे पहले एक पेड़ मां के नाम रोपित करके उसे गोद लिया तथा सम्पूर्ण महाविद्यालय परिवार से भी आग्रह किया कि हम सब एक पेड़ मां के नाम लगाकर उसे गोद ले ताकि निकट भविष्य में एक परिपक्व वृक्ष बनने तक हम उसकी उचित देखभाल कर सके, तभी हमारा प्रयास भविष्य के लिए सार्थक होगा।

नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. खिलाप सिंह ने हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हरेला पखवाड़ा के तृतीय दिवस में वृक्षारोपण कार्य करके हमे यह संकल्प लेना है कि पेड़ लगाओ, जल बचाओ और जीवन खुशहाल बनाओ ताकि हम पर्यावरण संरक्षित कर निर्मल एवं अविरल गंगा का सपना साकार कर सके। महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी एवं वनस्पति विशेषज्ञा डॉ. प्रकाश फोंदणी ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का संचालन किया तथा कहा कि आज ग्लोबल वार्मिग के दौर में हरेला जैसा महत्वपूर्ण पर्व जैवविविधता संरक्षण एवं हरित क्रांति का प्रतीक है।पर्यावरण को मध्यनजर रखते हुए आज हम महाविद्यालय परिसर में चौड़ी पत्ती वाले महत्वपूर्ण बहुउपयोगी पौधो का रोपण कर रहे है जो कि पारिस्थितिकी, औषधीय एवं आर्थिक गुणों से भरपूर है।

वृक्षारोपण में मुख्यतः पीपल, तुलसी, बांज, काफल, बुरांश, आंवला, रीठा, जामुन, गुड़हल, पय्या, देवदार, कनेर, स्नेक कैक्टस आदि पौधे शामिल है। इस अवसर पर महाविद्यालय के सम्मानित प्राध्यापको में डॉ. कुमार गौरव जैन, डॉ. दिनेश रावत, डॉ. कल्पना रावत, डॉ. पुनीत चंद्र वर्मा, डॉ. सतवीर, डॉ. उर्वशी, डॉ. आलोक कंडारी तथा कर्मचारियों में सतीश सिंह, आशीष कश्यप, अनूप बिष्ट, पल्लब नैथानी, राहुल रावत, गांधी एवं नव प्रवेशित छात्र छात्राओं ने एक-एक पेड़ मां के नाम लगाया तथा भविष्य में उचित देख-भाल के लिए गोद भी लिया। आशा एवं उम्मीद की जाती हैं कि इस तरह के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को स्थानीय जनसहभागिता से आयोजित करके समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा तथा पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।

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