राजकीय महाविद्यालय, मजरा महादेव में आज ‘राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन’ ‘जल शक्ति मंत्रालय’ भारत सरकार के तत्त्वाधान में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत ”स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़ा में “गंगा घाट स्वच्छता व पुरस्कार वितरण” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. के. सी. दुद्पुड़ी ने पुरस्कार वितरित करते हुए कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा नदी के कायाकल्प और संरक्षण के लिए एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जो भारत में लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा है।
कार्यक्रम ने अपने लॉन्च के बाद से महत्त्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें प्रदूषण को कम करने, नदी के प्रवाह में सुधार और सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय लागू किए गए हैं।
इसके प्रवाह में उच्च जनसंख्या घनत्व और औद्योगिक गतिविधि को देखते हुए, गंगा नदी का पुनरुद्धार एक जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य है।
कार्यक्रम को अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए दीर्घकालिक दृष्टि और मजबूत प्रतिबद्धता के साथ अपने प्रयासों को जारी रखने की आवश्यकता है।
नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. चन्द्र बल्लभ नैनवाल ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना की शुरुआत गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने तथा गंगा नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से की गई थी। युवाओं और जनता की भागीदारी के माध्यम से एक गंगा नदी के प्रदूषण और संरक्षण की दिशा में योगदान देना और दूसरी ओर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना इसके मुख्य उद्देश्य है।
महाविद्यालय में आयोजित नमामि गंगे कार्यक्रम में जिन छात्र व छात्राओं ने प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया था, उन सभी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
अर्धनारीश्वर धाम मजरा महादेव गंगा घाट में भी स्वच्छता कार्यक्रम किया गया।
महाविद्यालय के प्राध्यापकों में डॉ.संजेश कुमार डॉ. इंद्रपाल सिंह, डॉ.राजेंद्र सिंह, डॉ .दीपक कुमार, डॉ. प्रियंका भट्ट, डॉ अंजू पालीवाल के साथ-साथ शिक्षणेतर कर्मचारी उदयराम पंत, विक्रम सिंह रावत, वीरेन्द्र सिंह, सुनील सिंह , मनोज रावत ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।