राजकीय महाविद्यालय मंगलौर में राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के अवसर पर एक दिवसीय शिविर का आयोजन

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आज दिनांक 11/11/25 को राजकीय महाविद्यालय मंगलौर में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस और राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के अवसर पर एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्रचार्य डॉ तीर्थ प्रकाश द्वारा की गयी। इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वयंसेवकों द्वारा श्रमदान से हुई, जिसके बाद राष्ट्रीय गीत से सांस्कृतिक कार्यक्रम आरंभ हुआ। स्वयंसेवकों ने विविध सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया।

काजल, पूजा, वंशिका और निशा ने गीत प्रस्तुत किए, शिखा ने नृत्य कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया, जबकि वर्षा और उपासना ने उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना विषय पर भाषण दिया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. दीपा शर्मा ने उत्तराखण्ड राज्य के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला और इसे देश का अहम हिस्सा बताते हुए ‘देवभूमि’ की विशेषता को रेखांकित किया। इसके बाद डॉ कलिका काले ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं लोक गीत के विषय मे विस्तार से बताया।

कार्यक्रम के दौरान उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति और विविध सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रदर्शन हुआ, जिससे विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना और राज्य के प्रति गौरव की भावना जागृत हुई शिविर में विद्यार्थियों ने श्रमदान, राष्ट्रीय गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम और राज्य स्थापना विषयक भाषणों के माध्यम से अपनी प्रतिभा और सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया।

इस कार्यक्रम के अवसर पर डॉ रचना वत्स, डॉ राम भरोसे, श्रीमती सर्मिष्ठा, श्रीमती गीता जोशी, कुमारी निरजेश, श्री सुनील, सूर्या फ़ैजान, जगपाल एवं समस्त स्वयंसेवी उपस्थित रहे।

यह आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के “मैं नहीं, लेकिन तुम” (Not Me But You) के मूल आदर्श और उत्तराखण्ड की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।

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