महाविद्यालय नैनबाग में भारतीय पारंपरिक ज्ञान पद्धति एवं मोटे अनाजों के माध्यम से सतत विकास के लक्षण को प्राप्त करना विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ0 एस.वी. त्यागी, एसोसिएट प्रोफेसर डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, उपस्थित रहे।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के सेमिनार का आयोजन इतने दूरस्थ क्षेत्र में होना लोगों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा यहां के स्थानीय किसानों, छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के लिए यह भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।
रिसोर्स पर्सन के रूप में डॉ0 इंद्रेश कुमार पांडे राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग चमोली, ने पावर पॉइंट के माध्यम से बाजरे के उत्पादन एवं उपभोग से संबंधित अपना प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बाजरे के क्षेत्र में संभावनाएं, उपभोग, आयात निर्यात, रोजगार आदि से संबंधित सभी पहलुओं पर विस्तार से अपना व्याख्यान रखा ।
उन्होंने तकनीकी सत्र के अध्यक्ष के रूप में भी अपना योगदान दिया। डॉ0 जे.वी.एस रौथान, एसोसिएट प्रोफेसर, डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, ने तकनीकी सत्र में अध्यक्ष के रूप में भी अपना योगदान दिया।
इसके अतिरिक्त , डॉ0 मनमोहन जुवाँठा,डॉ0ब्रीश कुमार, ,डॉ0 कनिका बडवाल, डॉ0 प्रसन्ना मिश्रा सिंह ने भी तकनीकी सत्रों में अपना योगदान दिया। रिसोर्स पर्सन के रूप में श्री कुंदन सिंह पंवार, उद्यान पंडित उत्तराखंड, ने बाजरे के एमएसपी पर सवाल खड़े किए तथा उन्होंने किसानों के व्यावहारिक समस्याओं को रेखांकित करते हुए सरकार के लिए अनेक सुझाव प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम के आयोजक सचिव परमानंद चौहान ने संचालन किया एवं संयोजक डॉक्टर मधु बाला जुवाँठा ने सभी को धन्यवाद प्रेषित किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे तथा अनेक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।