जनपद टिहरी मे कोटेश्वर बांध परियोजना बनने के बाद पट्टी धार अकरिया, मखलोगी, क्वीली, के दर्जनों गांवों के घाट झील में डूब चुके हैं।
कोटेश्वर बांध बनाये जाने से पहले प्रत्येक गांवों के अलग अलग घाट अंतिम संस्कार करने के लिए विभिन्न स्थानों पर थे लेकिन जब से कोटेश्वर बांध के लिए झील बनी है तब से धार अकरिया, मखलोगी, क्वीली, पट्टियों के दर्जनों गांवों के लोगों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बारिस के मौसम में शवयात्रा मे गये लोगों को भीगना पड़ता है व शव को जलाने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही गर्मियों में बैठने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं होने पर लोग झाडियों की आड़ में बैठने को मजबूर होते हैं। यदि दुर्भाग्य से एक से अधिक शव आ गए तो कहीं पर भी चिता दाह के लिए स्थान नहीं है। बताते चलें कि सन् 2019 मे प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद उनियाल सिविल सोसाइटी नकोट मखलोगी के अध्यक्ष बिक्रम सिंह रावत ने तत्कालीन जिलाधिकारी डाॅ वी षणमुगम को 7 सूत्रीय मांग पत्र माह जुलाई 2019 मे दिया था,साथ ही धरना प्रदर्शन के लिए लिए कहा गया, जिलाधिकारी टिहरी डाॅ वी षणमुगम ने अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे, टी. एच. डी. सी. कोटेश्वर बांध के अधिकारियों ने भागीरथी नदी के जल स्तर से बहुत ऊपर एक छोटा सा टिन सेड बनाकर इतिश्री कर ली, यह टिन सेड इतना छोटा सा और ऊंचाई कम है कि यदि शव दाह किया जाय तो टिन सेड जल जायेगा व राख नदी में प्रवाहित करने के लिए पानी नहीं है।बारिस मे इसका उपयोग करते हैं तो शवयात्रा मे गए लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं ए है, नगर पंचायत गजा के अध्यक्ष कुंवर सिंह चौहान, पूर्व अध्यक्ष श्रीमती मीना खाती, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनिल भंडारी,व राजबीर सिंह चौहान,दिलबीर सिंह मखलोगा, पूर्व सदस्य क्षेत्र पंचायत ज्योति पंत,ने महाप्रबंधक कोटेश्वर बांध परियोजना से अनुरोध किया है कि शवयात्रा मे गए लोगों के लिए बैठने हेत टिन सेड व शवदाह के लिए घाटों का निर्माण किया जाय।

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