उत्तरी हरिद्वार समेत कनखल और आसपास के इलाकों में बंदरों के आतंक से लोग बेहाल हैं। बंदरों के हमलों से कई लोग घायल हो चुके हैं और स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इस समस्या को लेकर महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वन विभाग और अन्य संबंधित विभाग इस समस्या के प्रति पूरी तरह से उदासीन हैं। बंदरों को पकड़कर जंगलों में छोड़ने की मांग के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। सनातन धर्म स्कूल के प्रधानाचार्य राजीव पंत ने बताया कि स्कूली बच्चों और शिक्षकों को बंदरों के डर से स्कूल आने-जाने में काफी दिक्कत होती है।
स्थानीय महिला नेत्री निर्मला देवी और राशि बांगा ने कहा कि उन्होंने वन विभाग से कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। घायल लोगों को मुआवजा देने की मांग भी लगातार उठ रही है।
स्थानीय निवासी भूदेव शर्मा और गणेश शर्मा ने बताया कि खड़खड़ी सनातन धर्म स्कूल वाली गली में बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है।
सुनील सेठी ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे वन मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।
प्रदर्शन में शामिल रहे प्रमुख लोगों में प्रकाश वीर, गौरव खन्ना, सीता कुमारी, विमला देवी, बंटी प्रसाद, राकेश सिंह, राशि यादव, रेखा खा, पंडित दिनेश कुमार, खुशी राम छाबड़ा, बंटी यादव, राकेश कुमार, सुनील मनोचा, मुकेश अग्रवाल, शिप्पी भसीन, अनुज कुमार, दीपक कुमार, सोनू चौधरी, अनिल कोरी, पवन पांडे, नंदकिशोर पांडे, विनेश शर्मा, धर्मपाल सिंह सहित महानगर के पदाधिकारी और स्थानीय निवासी।