टाइम्स ऑफ हरिद्वार, रोहन कुमार : महर्षि कश्यप जयंती के शुभ अवसर पर ग्राम प्रधान प्रखर कश्यप ने किया अपने जीवन का 25वाँ रक्तदान शिविर रक्तदान शिविर के दौरान तीन दर्जन व्यक्तियों ने किया रक्तदान।
क्षेत्रवासियों ने महर्षि कश्यप के चित्र पर माल्यार्पण किया और आशीर्वाद लिया और ग्राम प्रधान प्रखर ने बोला महर्षि कश्यप से प्रेरणा लेकर उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने की शपथ लेकर समाज के उत्थान के लिए शिक्षा के प्रति जागरूक व एकजुट रहने का आह्वान किया।
महर्षि कश्यप सोने के समान तेजवान थे। महर्षि कश्यप ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माने जाते थे। सुर-असुरों के मूल पुरुष मुनिराज कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था, जहां वे पर-ब्रह्म परमात्मा के ध्यान में मग्न रहते थे।
उन्होंने यह भी कहा कि मुनिराज कश्यप नीति प्रिय थे और वे स्वयं भी धर्म-नीति के अनुसार चलते थे। दूसरों को भी इसी नीति का पालन करने का उपदेश देते थे। उन्होंने अधर्म का पक्ष कभी नहीं लिया, चाहे इसमें उनके पुत्र ही क्यों न शामिल हों।
महर्षि कश्यप राग-द्वेष रहित, परोपकारी, चरित्रवान और प्रजापालक थे। वह निर्भिक एवं निर्लोभी थे कश्यप मुनि निरंतर धर्म का प्रचार करते थे, जिनके कारण उन्हें महर्षि जैसी श्रेष्ठतम उपाधि हासिल हुई।
इस अयोजन के दौरान भारत के सबसे सर्वाधिक रक्तदान करने वाले कैप्टन डॉक्टर सुरेश कुमार सैनी द्वारा ग्राम प्रधान प्रखर कश्यप को सम्मानित किया गया। कश्यप समाज ने रक्तदान कर बनाईं महर्षि कश्यप की जयंती।
प्रखर कश्यप की पहल को देखकर सब आकर्षित हुए व सभी रक्तदान करने वालों व्ययक्तियों की क्षेत्रवासियों द्वारा सराहना की गई।