पांडव महायज्ञ के समापन पर बड़ी संख्या में पहुचे पलायन कर चुके बमण गांव व सम्मलित गांव के ग्रामीण

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उत्तराखंड:  क्वीली पट्टी के मणगांव न्याय पंचायत के ग्राम बमण गांव में 9 दिनों तक चलने वाले पांडव कथा महायज्ञ का रविवार को विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना के बाद संपन्न हो चुका है।

घंटाकर्ण धाम क्वाली डांडा के मीडिया प्रभारी और मंडाण समिति के कोषाध्यक्ष नरेन्द्र बिजल्वाण ने बताया है कि अपनी पौराणिक व धार्मिक परंपराओं के प्रति बमण गांव व इस क्षेत्र के लोगों के आस्था और विश्वास का ही प्रतिफल है कि तीन वर्ष की समाप्ति के उपरांत हर चौथे वर्ष, सुरु होते आयोजित होने वाले इस धार्मिक पौराणिक पांडव कथा महायज्ञ में उत्तराखंड से बाहर के राज्यों में काम करने वाले,इस क्षेत्र के युवा व शादीशुदा महिलायें (ध्याणते) चाहे वे रोजी रोटी के लिए कितने ही दूर क्यों रहते हों ,मगर सभी निष्ठा पूर्वक इस महायज्ञ में शामिल होने अवश्य पहुंचते हैं।

और अपनी जन्म भूमि के बचपन के दिनों की याद को ताजा करने के साथ-साथ गांव के नाते अनुसार भाई, बहिनों, चाचा ताऊजी, दादा दादी जो गांव में रहते है या यहा से पालन कर चुके है लेकिन इस पौराणिक यज्ञ में सम्मलित होने जो श्रद्धा के साथ अपने मूल गांव आये है उनको मिलने का मोका तीन साल के बाद मिलने का जो मोका मिलता है उसमें सभी के चेहरों पर अलग ही खुशी झलकती देखने को मिली है।

बताते चले कि यह कार्यक्रम पौराणिक धरोहर को बचाने के साथ-साथ आपसी प्यार प्रेम और भाई चारा का समागम की झलक इसमे देखने को मिली है बर्षों पहले जो अपनी आजीविका के वज़ह से पलायन कर चुके है उनको अपनी बचपन की यादे ताजा करने का भी यह सुनहरा मोका मिला है जो देखने को मिला हैं कई पलायन कर चुके ग्रामीणों के मन में विचार बन रहे है कि आने जाने के लिए गांव में एक दो कमरे बनाने पर विचार करते हुये सुने गये है कुछ लोगों का कहना है कि हमको जब प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया से जो इस पौराणिक धरोहर की ख़बर मिली तो हर एक ग्रामीण के मन में जाने कार्यक्रम में उपस्थिति होने की अभिरुचि उत्पन्न हुई और इसी का परिणाम है कि भारी संख्या में इस पौराणिक नौरता मंडाण मे श्रद्धालूओ का अपार जन समूह देखने को मिला हैं।

घंटाकर्ण मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय प्रकाश बिजल्वाण ने कहा है कि हम भविष्य में प्रयास करेगें कि इस कार्यक्रम को अधिकतम बेहतर बनाया जाय और सभी प्रभाशीयों को जोड़ने और उनकी रात्री विश्राम और भोजन आदि की व्यस्था बनाने का प्रयास किया जायेगा साथ ही सभी घंटाकर्ण मंदिरों को इस कार्यक्रम में सामिल करने का प्रयास किया जायेगा।

संरक्षक मंडल, संचालन समिति ने पांडव महायज्ञ में पहुचने वाले हर एक फांट धारकों, श्रद्धालूओ और ध्याणतो का इस कार्यक्रम में पहुचने पर हार्दिक आभार ब्यक्त किया है समिति में कहा है कि हर एक फांट धारक, श्रद्धालू और ध्याणतो की ताकत से यह कार्यक्रम भव्य और दिव्य हो पाया है।

बमण गांव व सम्मलित गांव के युवा व शादीशुदा महिलायें (ध्याणते) चाहे वे रोजी रोटी के लिए कितने ही दूर क्यों रहते हों ,मगर सभी निष्ठा पूर्वक इस महायज्ञ में शामिल होने पहुचे हैं।

यज्ञ समापन के अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ दूर दराज से आये हुये श्रद्धालु, और ध्याणते, देव मंडाण प्रेमी पौराणिक स्थल पर भारी संख्या में उपस्थित हुये।

इस मंडाण में आयोजित सभी देवी देवताओं का आह्वान पंडों के धामी कालिदास, हुक्म दास, भगत दास ने ढोल दमाऊ की थाप व जागर/छंद पर देवताओं का आवाह्न किया।

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