नवाचार ही किसी भी व्यवसाय की रीढ़ होता है- प्रो धर्मेंद्र तिवारी

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श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, ऋषिकेश परिसर में देवभूमि उद्यमिता योजना (Devbhumi Udyamita Yojna) के अंतर्गत आयोजित 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) के अंतर्गत स्टार्टअप और वित्तीय प्रबंधन पर विशेष सत्र आयोजित किया गया।

इस सत्र में इंडियन बैंक, ऋषिकेश के श्री दीपक थपलियाल ने छात्र-छात्राओं को बैंकों द्वारा स्टार्टअप एवं उद्यमिता को दिए जाने वाले वित्तीय प्रोत्साहन, ऋण योजनाओं और आवश्यक सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार और बैंकिंग संस्थानों द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ युवा उद्यमी उठा सकते हैं।

उन्होंने स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा लोन, और CGTMSE जैसी योजनाओं पर विशेष चर्चा की और छात्रों को अपने व्यावसायिक विचारों को सही दिशा में विकसित करने के लिए मार्गदर्शन दिया।

कार्यक्रम में वियतनाम में लंबे समय तक योग प्रशिक्षण दे चुके श्री रमित चौधरी ने योग क्षेत्र में उद्यमिता के अवसर पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे योग केवल एक साधना नहीं, बल्कि एक सफल करियर विकल्प भी बन सकता है।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग की बढ़ती मांग, ऑनलाइन योग कक्षाओं, योग रिट्रीट सेंटर और अन्य व्यावसायिक संभावनाओं पर चर्चा की।

इस दौरान विश्वविद्यालय के मेंटर प्रोफेसर धर्मेंद्र तिवारी ने नवाचार और उद्यमिता की रणनीतियों पर जोर देते हुए बाजार के दृष्टिगत व्यावसायिक योजनाएँ तैयार करने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि नवाचार ही किसी भी व्यवसाय की रीढ़ होता है, और युवा उद्यमियों को नवीनतम तकनीकों, डिजिटल मार्केटिंग और ग्राहक व्यवहार को समझकर अपनी व्यावसायिक योजनाएँ तैयार करनी चाहिए।

डायल ऋषिकेश की वीना जखमोला ने डोमेन विकास और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में उपलब्ध उद्यमिता के अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि MSME सेक्टर में स्टार्टअप्स के लिए अपार संभावनाएँ हैं और सरकार द्वारा इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

कार्यक्रम में देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल अधिकारी एवं उद्यमिता और इनक्यूबेशन उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence in Entrepreneurship and Incubation), श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, बादशाहीथौल (टिहरी गढ़वाल) की निदेशक प्रोफेसर अनीता तोमर ने मुख्य अतिथियों का परिचय कराया और छात्रों को उद्यमिता की ओर प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को अपने करियर को लेकर आत्मनिर्भर बनने में सहायता करते हैं।

इस संगोष्ठी में प्रोफेसर अंजनी प्रसाद दुबे, कई विषय विशेषज्ञ, स्टार्टअप संस्थापक, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। छात्रों ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया और अपने विचारों को व्यवसाय में बदलने की दिशा में नए दृष्टिकोण प्राप्त किए। पूरे कार्यक्रम में छात्रों की भागीदारी और उनकी जिज्ञासा देखते ही बन रही थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वे उद्यमिता को एक सशक्त करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए पूरी तरह से प्रेरित हैं।

यह आयोजन उद्यमिता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और युवा उद्यमियों को आवश्यक वित्तीय और तकनीकी मार्गदर्शन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।

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