आज राजकीय महाविद्यालय पोखरी (क्वीली) टिहरी गढ़वाल में उत्तराखंड के राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना *देवभूमि उद्यमिता योजना* के अन्तर्गत *मेरा कौशल-मेरी पहचान* जैसी अनेकों महती योजनाओं को सशक्त रूप से सफल बनाने के लिए “भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान” अहमदाबाद, के सहयोग से “उद्यमिता विकास केंद्र” की स्थापना की गई. महाविद्यालय के उद्यमिता विकास केंद्र के मेंटर डॉ० राम भरोसे जो कि अभी हाल ही में भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान” अहमदाबाद से छ: दिवसीय उद्यमिता प्रशिक्षण पूर्ण करने आएँ हैं, उन्होंने आज महाविद्यालय के उद्यमिता विकास केंद्र के अन्तर्गत एक दिवसीय उद्यमशीलता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ० शशि बाला वर्मा के उद्बोधन से हुआ. उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाला समय वही व्यक्ति कामयाब हो सकता है जो लगातार किसी उद्यम से जुड़कर रहेगा और व्यापार के क्षेत्र में काम करेगा. सरकारी नौकरी के भरोसे न रहकर स्वरोज़गार के अवसर भी तलाशना चाहिए.
इसके बाद मेंटर डॉ० राम भरोसे ने प्रोजेक्टर के माध्यम से देवभूमि उद्यमिता योजना के विषय में विस्तार से बताया.
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य के युवकों को स्वरोजगार एवम् उद्यमिता कौशल संवर्धन तथा स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित किया गया. साथ ही स्टार्टअप आइडिया, समस्या का चुनाव, वैल्यू, फीडिंग, उद्यमिता शिक्षा, उत्तराखंड के उत्पाद, पर्यटन आदि में संभावनाओं में संदर्भ में सैद्धांतिक और व्यावहारिक पक्षों तथा छात्रों में किस प्रकार उद्यमशीलता का विकास करें, इस पर गंभीर चिंतन-मंथन करते हुए विस्तार से चर्चा की. इस प्रशिक्षण में महाविद्यालय में अध्ययन छात्र-छात्रों को किस प्रकार उद्यमिता के प्रति संवेदनशील बनाना है, इसके लिए समय समय पर महाविद्यालयों में उद्यमिता केंद्रों की स्थापना के बाद किस प्रकार बूट कैंप के माध्यम से विद्यार्थियों को लाभान्वित कैसे किया जाएगा, इस पर भी चर्चा हुई.
इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के श्रीमती सरिता देवी, डॉ० मुकेश सेमवाल, डॉ० बंदना सेमवाल, डॉ० विवेकानंद भट्ट, श्री अंकित कुमार, श्री नरेश रावत, श्री नरेन्द्र दत्त बिजल्वाण, श्री दीवान सिंह, श्री मूर्ति एवम् श्री राजेंद्र प्रसाद तथा छात्र अमन, अशोक, साक्षी, अक्षा, प्रियंका, अमित, अंजना, सावित्री, पूजा, आदि उपस्थित रहें.