दिल्ली: शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री गिरफ्तार

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके घर से दो घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की नई आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया है । दिल्ली सरकार पर आरोप लगे थे कि इस सरकार ने नई एक्साइज़ पॉलिसी की आड़ में भ्रष्टाचार/घोटाला किया है।

दरअसल, 2 नवंबर 2023 से 21 मार्च 2024 के मध्य ईडी ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए 9 समन भेजे थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल कोई ना कोई बहाना बनाकर ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे थे। वहीं जब उन्हें 9वां समन मिला तो वह इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे। उनके द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई थी कि, जब वह पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार न किया जाए, उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाए। परन्तु आज (21/03/2024) केजरीवाल को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। आज (गुरुवार) देर शाम ईडी की टीम भारी फोर्स के साथ केजरीवाल के घर पहुंची थी और दो घंटे की तलाशी और पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। अब गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंच रही हैं और आज ही तत्काल सुनवाई के लिए अर्जी देगी।

यह पहला ऐसा मामला है जब कोई मुख्यमंत्री, पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुआ हो, ऐसे में सवाल उठता है कि अब दिल्ली में आम आमदी पार्टी की सरकार का क्या होगा अर्थात सरकार कौन चलाएगा? इसको लेकर आम आमदी पार्टी का स्पष्ट स्टैंड है कि अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे, यानी वह पद पर बने रहेंगे और इस्तीफा नहीं देंगे।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद मंत्री आतिशी ने कहा कि ईडी दो साल में एक रुपये की रिकवरी भी नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि सीएम अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। लेकिन हमने हमेशा कहा है की अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल करेंगे हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहे हैं।

प्रियंका गांधी: दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना है। उन्होंने कहा, ‘चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टार्गेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को। अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए – यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के ख़िलाफ़ है। देश के विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज़ कर दिये गये हैं, तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर ED, CBI, IT का दिन रात दबाव है, एक मुख्यमंत्री जेल में डलवा दिये गये हैं, अब दूसरे मुख्यमंत्री को भी जेल ले जाने की तैयारी हो रही है। ऐसा शर्मनाक दृश्य भारत के स्वतंत्र इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है।

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