तनाव दूर करने के लिए सकारात्मक विचारों और ऊर्जा को धारण करें विद्यार्थी: प्रो. प्रभात द्विवेदी
बृहस्पतिवार दिनांक 26 सितंबर 2024 को राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में तनाव प्रबंधन विषयक एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की संयोजिका एवं राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती कृष्णा डबराल ने कार्यशाला के आयोजन पर कहा कि आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति तनावग्रस्त होता जा रहा है। विशेषकर छात्र-छात्राएं तनावपूर्ण परिस्थितियों में आत्महत्या जैसे अतिवादी कदम भी उठा लेते हैं। अतः तनाव प्रबंधन की यह कार्यशाला विद्यार्थी हितों को ध्यान में रखकर आयोजित की गई है।
कार्यशाला की मुख्यवक्ता डॉ. सुगंधा वर्मा एवं डॉ. निशि दुबे ने विस्तार पूर्वक तनाव प्रबंधन पर चर्चा की। कार्यशाला में बताया गया कि विद्यार्थी अपने जीवन में विभिन्न परिस्थितियों के चलते तनाव को महसूस करते हैं परंतु विभिन्न तकनीकों तथा सकारात्मक दृष्टिकोण को अपना कर वे तनाव को प्रबंधित कर सकते हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य तथा कार्यशाला के अध्यक्ष प्रो. प्रभात द्विवेदी जी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि तनाव को सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के लिए एक सीमा तक सही माना जा सकता है। विद्यार्थी अपने जीवन में सकारात्मक विचारों को धारण करें जिससे सकारात्मक ऊर्जा के फलस्वरुप उनका तनाव स्वत: ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाकर केवल आध्यात्मिक विकास ही नहीं, अपितु विश्लेषणात्मक कौशल भी उत्पन्न होता है। अनुचित एवं अत्यधिक रूप से महत्वाकांक्षी होना भी तनाव का कारण बन जाता है। अतः अनुशासन एवं समर्पण के माध्यम से हम अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
विद्यार्थियों ने ध्यानपूर्वक मुख्य वक्ताओं को सुना और कार्यशाला को लाभप्रद बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. आराधना सिंह, डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल, डॉ. भूपेश चंद्र पंत, श्री आलोक बिजलवान, श्री यशवंत सिंह, श्री वैभव कुमार, कुमारी आराधना राठौर, अन्य प्राध्यापक, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।