टनल हादसा: कभी भी आ सकती है खुशखबरी

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उत्तरकाशी के सिलक्यारा गांव में निर्माणाधीन सुरंग धंसने के बाद पिछले 12 दिनों से उसमें 41 मजदूर फंसे हुए हैं. अब इन श्रमिकों को बचाने का अभियान अपने अंतिम चरण में है. बुधवार को मजदूरों से केवल 10 मीटर दूरी तक मलबे में छेद करने का काम बाकी रह गया था. हालांकि गुरुवार को कुछ देर काम के बाद ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा. अभी जिस मशीन से ड्रिलिंग का काम हो रहा है, वह एक घंटे में तीन मीटर छेद करती है. इसलिए मजदूरों के जल्द बाहर निकलने की बड़ी खबर किसी भा वक्त आ सकती है.
अंदर फंसे मजदूर एनडीआरएफ की कड़ी निगरानी में पाइप के माध्यम से बाहर लाए जाएंगे. सुरंग के बाहर, श्रमिकों को चिन्यालीसौड़ में बने एक अस्थायी अस्पताल में ले जाने के लिए 41 एम्बुलेंस तैयार हैं. बचावकर्मियों ने कहा कि अस्पताल पहुंचने पर श्रमिकों की विस्तृत चिकित्सकीय जांच की जाएगी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद राहत और बचाव स्थल पर पहुंच गए हैं. उनके साथ केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग के मिनिस्टर ऑफ स्टेट जनरल वी के सिंह भी मौक पर होंगे. उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने की तैयारी अंतिम चरण में है और सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद बुधवार (22 नवंबर) रात से ही उत्तरकाशी में मौजूद हैं.
सुरंग में फंसे मजदूरों तक पाइप के जरिए ड्राई फ्रूट्स, ओआरएस और ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार की गई है, जिसकी वजह से सारे मजदूरों के स्वस्थ होने के दावे किए जा रहे हैं. दुर्घटना को लेकर PM नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर रेस्क्यू ऑपरेशन को अपडेट लिया था.

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