ऐतिहासिक ग्राम सभा धारकोट मैं सालों से चलती आ रही बलि प्रथा हुई बन्द
आपको बता दे की ग्राम सभा धारकोट पट्टी धारमंडल में आजकल नवरात्रि के पावन अवसर पर माता के पूजन के लिए पंचायती हरियाली का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जा रहा है।
लेकिन आज कल ये ग्रामसभा इसलिए चर्चाओं में है कि सालो से चलती आ रही बलिप्रथा को ग्राम सभा के युवाओं और प्रबुद्ध लोगों ने विरोध जताकर सात्विक पूजन की नई परंपरा शुरुआत की ।
इस धार्मिक और पूजनीय मौके पर ग्राम निवासी हैरी नेगी (इनफ्लुएंसर /एजुकेटर ) का कहना है की एक जमाना था जब इंसान की उत्पत्ति हुई थी तो आधिमानव के तौर पर इन सभी बलि प्रथा व परंपराओं को बढ़ावा दिया जाता था क्योंकि उसे समय मनुष्य के खाने का मुख्य स्रोत ही जानवरों का मीट और मांस था।
लेकिन मनुष्य जीवन धीरे-धीरे तरक्की करने के साथ अध्यात्म व धर्म को अपनाने के लिए भोजन के सात्विक रूप की तरफ बढ़ता गया है इसलिए हमारे ग्राम सभा को भी इन पुरानी परंपराओं को त्यागना होगा।
साथ ही श्री धनवीर सिंह नेगी /धन्नी भाई (सामाजिक कार्यकर्ता ) व सभी ग्राम सभा के युवाओं का कहना है की भला कोई भगवान देवता या ईश्वर हमारी खुशी के लिए कैसे किसी जीव की बाली मांग सकते हैं । आखिर उनमें भी तो इंसानों की तरह प्राण है।
इस मौके पर श्री नरेंद्र सिंह नेगी ( पूर्व प्रधान ) का कहना है कि हम बलि प्रथा के सख्त खिलाफ है । ऐसे पूजनीय कार्यों में जानवरों का खून करना ग्राम सभा के हित में नहीं।
श्री गंभीर सिंह नेगी (पूर्व प्रधान ) ने इस मौके पर कहा कि अगर यह बाली प्रधा यूं ही चलती रही तो ,हमारे बच्चों व आने वाली पीढ़ी पर इन बाली प्रथाओं का क्या प्रभाव पड़ेगा।
आपको बता दें कि सालों साल से चलती आ रही इसपरंपरा में पहले नवरात्रि मे सातवें दिन काली माता के पूजन के दौरान एक बकरी एक सूअर एक मुर्गा एक भेड चार-चार निर्दोष प्राणियों की बली के रूप मे हत्या की जाती थी , और इससे भी पहले भैंसा भी मारा जाता था ।
इस कार्य में महिलाएं भी बढ़ चढ़कर आगे आई श्रीमती प्यारी देवी (पूर्व प्राध्यापिका ) व उनके साथ सभी महिलाओं का कहना है कि ऐसे पूजनीय कार्यों में बलि प्रथा बिल्कुल शोभा नहीं देती उन्होंने पंडित जी से कहा कि हमें जो भी पूजनीय अनुष्ठान करना होगा बलि प्रथा को बंद करने के लिए उसके लिए सभी महिलाएं वह उनके परिवार राजी है ।
9 दिन नवरात्रि की पूजा को संपन्न कर रहे कुल पुरोहित पंडित श्री कन्हैयालाल जी व प्रखंड विद्वान व्याकरण शास्त्र के ज्ञाता आचार्य हर्षमणी रतूड़ी का कहना है कि इस ग्राम सभा की युवाओं प्रबुद्ध लोगों और महिलाओं ने मनुष्य जीवन के लिए एक बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया है उनका कहना है कि जब सभी ने वैष्णो धाम सनातन धर्म को अपनाया है तो जीव व प्राणियों के लिए सद्भावना होनी जरूरी है तभी मनुष्य में सद्भावना अध्यात्म एकाग्रता और भाईचारे के गुण अपनाएगा इस लिए बाली प्रथा जैसी सोच को छोड़ना बेहद आवश्यक है।
साथ श्री विक्रम सिंह नेगी व ग्राम सभा के बुजुर्गों ने समस्त ग्राम सभा ने उन सभी दानदाताओं का हृदय से धन्यवाद किया जो दिल्ली मुंबई और विदेशों में रहकर ग्राम सभा की पंचायती हरियाली के सफल बनाने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं।
साथ ही सभी श्रद्धालु व धार्मिक लोगों से अपील की कि देश विदेश से जिन्हें इस पूजन के लिए दान देना है वे UPI नंबर 8126616888 पर गूगल पर कर अपना सहयोग हमें दे सकते हैं

Name : Dr. Sandeep Bhardwaj
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