खनन रोकने व भूमि पर कब्जा दिलाने की मांग को लेकर किसानों की भूख हड़ताल स्थगित

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हरिद्वार। खेती की भूमि पर हो रहे अवैध खनन को रोकने व भूमि पर कब्जा दिलाने की माँग को लेकर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठने की तैयारी कर रहे धारीवाला, हर्षीवाला और टिकोला गांव के ग्रामीणों से मिलने पुलिस और प्रशासन धारीवाला गाँव पहुंचा और ग्रामीणों से भूख हड़ताल पर न बैठने की बात कहते हुए जिला अधिकारी से मुलाकात कर समस्या का समाधान निकालने की बात कही।

वही पुलिस और प्रशासन के आग्रह पर ग्रामीणों का एक डेलिगेशन आज दोपहर के बाद बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी कवेंद्र सिंह से मिलने पहुंचा और उनके समक्ष अपनी समस्या रखी। जिलाधिकारी से मिलकर पीड़ित किसानों ने भूख हड़ताल का फैसला खारिज कर दिया।

जानकारी के मुताबिक 1954 में मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश से आए बाढ़ पीड़ित 7 गांव धारीवाला, टिकोला, हरसी वाला, शिवगढ़,फूलगढ़, गोविंदगढ़ और दुर्गागढ़ हरिद्वार जिले में विस्थापित कर खेती के लिए पथरी वन खंड पट्टे की भूमि आवंटित की गई थी जिसका इन लोगों आज तक मालिकाना हक नही मिला है और ना ही उस भूमि पर कब्जा आज तक दिलाया गया है। भूमि पर अन्य गाँव के लोगों द्वारा कब्जा किया हुआ है। भूमि पर कब्जे को लेकर इन सातों गांव का हाई कोर्ट में मामला विचारधीन है।

पथरी वनखण्ड बाणगंगा नं0-2, की भूमि को लेकर 1992 में शासन प्रशासन ने बाढ़ विस्थापित लोगों को सर्वे कर पट्टे की भूमि आवंटित की गई थी। लेकिन शासन प्रशासन आज तक उसे भूमि पर कब्ज तक नहीं दिला पाया है। धारी वाला हरसी वाला और टिकोला(पथरी वनखण्ड बाणगंगा नं0-2) की कुछ किसानों की भूमि पर बादशाहपुर, नईकुंडी व भुआपुर गाँव के लोगों ने कब्जा कर रखा है। जिसको लेकर कई बार पट्टाधारियों व कब्जा धारियों में खूनी संघर्ष हो चुका है।

अवैध कब्जाधारी अवैध रूप से खनन माफिया को ओने-पौने दामों में भूमि बेचकर खनन करवाने में जुटे हैं जिसका भूमिधारियों ने कई बार विरोध किया। जिसको लेकर शासन प्रशासन से गुहार भी लगाई गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। खनन माफिया ने खेती की भूमि को पोकलैंड व जेसीबी मशीन से खोद कर बड़े-बड़े गड्ढे बना दिए हैं। खेती की भूमि को तालाब में परिवर्तित कर दिया है।

पथरी वन खंड बाणगंगा नंबर 2 (धारीवाला हर्षीवाला टिकोला) के किसानों ने बीते 2 दिसंबर को जिलाधिकारी को खेती की भूमि पर हो रहे अवैध खनन और आवंटित की गई भूमि पर कब्जा दिलाने को लेकर एक ज्ञापन दिया था। जिसमें ग्रामीणों द्वारा मांग की गई थी कि पथरी वनखण्ड बाणगंगा नं0-2, की भूमि से अवैध खनन को तत्काल रोका जाए अवैध खनन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कर जुर्माने के साथ उनसे वसुली की जाए और अवैध कब्जेधारियों से भूमि से कब्जा हटाकर बाढ़ पीड़ितों को कब्जा दिलाया जाए। जिन खसरा नम्बरों में अवैध खननधारियों एवं अवैध कब्जेधारियों द्वारा जिन खसरा नम्बरों को बर्बाद कर दिया गया है, उसके स्थान पर बाढ़ पीड़ित पट्टे धारकों को नये खसरा नम्बर आवंटित किये जाए।

इसके साथ ही ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को कहा था कि यदि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो 5 दिसंबर को सुबह 10 बजे जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे। जिला अधिकारी कविंद्र सिंह ने ग्रामीणों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को रोकने के लिए उप जिलाधिकारी अजय वीर चौहान को उनसे बातचीत करने को कहा।

एसडीएम अजय वीर चौहान ने तहसीलदार प्रियंका रानी,राजस्व निरीक्षक देवेश घड़ियाल, थाना अध्यक्ष पथरी रविंद्र कुमार भूख हड़ताल की तैयारी कर रहे किसानों से बातचीत के लिए धारीवाला गाँव भेजा। तहसीलदार प्रियंका रानी और थाना अध्यक्ष रविंद्र कुमार ने ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण भूख हड़ताल करने पर अड़े रहे।

तहसीलदार प्रियंका रानी ने काफी मशक्कत करने के बाद ग्रामीणों को समझाया और उन्होंने कहा कि आप 10 12 ग्रामीणों का डिलीगेशन जिलाधिकारी से मिलने जाए और उनके समक्ष अपनी बातें रखें और साथ में हम लोग भी आपके साथ चलेंगे। जिलाधिकारी द्वारा जो भी आदेश होंगे उन्हें तत्काल ही उन लोगों के विरुद्ध लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा रही बात अवैध खनन की अवैध खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की गई है। उन लोगों पर 75 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

वही मौके पर मौजूद ग्रामीण रोहतास कुमार, राजेंद्र कुमार, नरेश कुमार, लटूरा, सुनील कुमार, अरविंद कुमार, अंकुर चौहान, जिवेन्द्र तोमर जिला मंत्री बजरंग दल,जयकरण जिला सहसंयोजक बजरंग दल, अजय चौहान, रिशिपाल, सोहन सिंह, सतीश कुमार, जितेंद्र, रविंद्र, शेष राज, संजय, अमर सिंह, संतराम, विनोद आदि ने तहसीलदार प्रियंका रानी और थाना अध्यक्ष रविंद्र कुमार की बातों पर सहमति जताते हुए जिला अधिकारी कर्मेंद्र सिंह से दोपहर 3 बजे मिलने का समय निश्चित किया और तय वक्त पर पहुँचकर जिला जिला अधिकारी कवेंद्र सिंह से मुलाकात की और उनके समक्ष अपनी मांगे रखते हुए अवैध खनन को रोकने और अपनी खेती की भूमि पर कब्जा दिलाने की बात कही।

वहीं डीएम ने राजस्व विभाग को आदेशित करते हुए कहा कि पट्टेधारकों की भूमि को चिन्हित कर उन पर खनन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर खनन प्रतिबंध बोर्ड लगाए। पट्टेधारकों की भूमि का मामला अभी न्यायालय में विचारधीन है न्यायालय का फैसला आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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