कोटा: एबीआरएस महासंघ इकाई राजस्थान के द्वारा हुआ गुरु वंदन कार्यक्रम का आयोजन

Spread the love

आज दिनांक 29 जुलाई 24 को राजकीय कला कन्या महाविद्यालय की अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ इकाई राजस्थान  के द्वारा गुरु वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सीमा चौहान ने की।

इस आयोजन में मुख्य अतिथि हाडौती के प्रसिद्ध शिक्षाविद और इतिहासकार डॉ एम .एल. साहू, सेवानिवृत प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष, विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता डॉ. गीता राम शर्मा, क्षेत्रीय निदेशक कॉलेज शिक्षा कोटा संभाग तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. नवीन मित्तल रहे ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे, भारत माता एवं महर्षि वेदव्यास के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। महाविद्यालय के इकाई सचिव श्री संतोष कुमार मीना ने अतिथियों का स्वागत किया।

इसके पश्चात संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा गुरु वंदना प्रस्तुत की गई। मुख्य वक्ता और संगठन महामंत्री डॉ. गीता राम शर्मा ने गुरु की महिमा बताते हुए अपने वक्तव्य में आचार्य शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि बिखराव को संगठित करने वाला आचार्य है और जो अपने आचरण से सिखाता है वही आचार्य है, हम आत्म चिंतन करें कि हम कहां तक आचार्य हैं ?

गुरु-शिष्य परंपरा एक सांझी परंपरा है, शिष्य का अस्तित्व शिक्षक के बिना अधूरा है तेजस्विता का नाम गुरुत्व है। हम सबके अंदर गुरु है, गुरु वंदन कार्यक्रम का उद्देश्य आत्मबोध है हम अपने गुरुत्व को पहचानें। सच्चा गुरु शिष्य को दिव्यदृष्टि प्रदान करता है विवेक और विज्ञान की दृष्टि प्रदान करता है। चाहे कितना भी संचार क्रांति और तकनीकी विकसित हो जाए गुरु का महत्व हमेशा बना रहेगा।

मुख्य अतिथि डॉ. एम.एल. साहू ने कहा कि इस कार्यक्रम में शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति सराहनीय है जो हमारी प्राचीन शिक्षक-शिष्य परंपरा को बढ़ाने वाली है। हमारी प्राचीन गुरुकुल पद्धति में शिष्य का व्यक्तित्व विकास करना गुरु का दायित्व था। मानव मूल्य का विकास और चरित्र निर्माण गुरु के माध्यम से ही संभव है। विश्व गुरु के रूप में भारत को स्थापित करने तथा गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित करने का उद्देश्य इस गुरु वंदन कार्यक्रम का है। डॉ. नवीन मित्तल ने पौराणिक प्रसंगों के माध्यम से गुरू के महत्व को स्पष्ट किया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डाॅ. सीमा चैहान ने कहा कि गुरु वंदन कार्यक्रम का उद्देश्य बहुत ही पावन है। शिक्षक का उद्देश्य सिर्फ पाठ्यक्रम पूर्ण करना नहीं वरन शिष्य के जीवन में उचित मार्गदर्शन प्रदान करना है। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ.राजेंद्र माहेश्वरी ने किया।

कार्यक्रम का संचालन डाॅ. प्रेरणा शर्मा ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्य डॉ. राजेंद्र माहेश्वरी, डॉ मनीष शर्मा, डाॅ. सपना कोतरा, डाॅ. हिमानी सिंह, डॉ. सोमवती शर्मा, डाॅ. बबीता सिंघल, डाॅ. बिंदु चतुर्वेदी, इकाई सचिव जे.डी.बी. डाॅ. विकास जांगिड़ आदि उपस्थित रहे। महाविद्यालय की छात्राओं ने भी उत्साह पूर्वक सहभागिता की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *