कतर में कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाने वाले 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को गुरुवार (28 दिसंबर) को बहुत बड़ी राहत मिली है। भारत सरकार की तरफ से अपील करने के बाद इन लोगों की मौत की सजा पर रोक लगा दी गई। नौसेना के इन 8 पूर्व अधिकारियों को 26 अक्टूबर 2023 को मौत की सजा सुनाई गई थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया है कि क़तर की एक अदालत ने भारतीय नौसैनिकों को दी गयी मौत की सज़ा कम कर दी है। मंत्रालय के अनुसार कतर की अपील अदालत ने निचली अदालत के निर्णय को संशोधित करते हुए सजा कम की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त प्रेस रिलीज़ जारी करके इस ख़बर की पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि वह इस मामले में जारी किए विस्तृत फ़ैसले का इंतज़ार कर रहा है।
क़तर से आई इस ख़बर को भारत सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि ये फ़ैसला पीएम मोदी और क़तारी अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी के साथ मुलाक़ात के कुछ हफ़्तों बाद ही आया है।
मंत्रालय ने बताया है कि निर्णय के विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है और अगले कदम के बारे में वह कानूनी टीम और भारतीय नागरिकों के परिवारों से संपर्क बनाए हुए हैं। मंत्रालय ने कहा कि वह इस मामले की शुरूआत से ही, अभियुक्तों के साथ हैं और उन्हें सभी प्रकार की राजनयिक और कानूनी सहायता जारी रखेगा। मंत्रालय मामले को उचित निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए कतर के अधिकारियों के साथ संपर्क जारी रखेगा। मंत्रालय के अनुसार इस मामले की सुनवाई की गोपनीयता और संवेदनशीलता को देखते हुए फिलहाल कोई टिप्पणी करना उचित नही होगा। भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कार्मिकों को कतर की एक अदालत ने मृत्यु दंड सुनाया था। वे प्राईवेट कम्पनी अल-दहरा में काम कर रहे थे और उन्हें पिछले वर्ष अगस्त में कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।