उत्तराखण्ड के पौष्टिक और औषधियों गुणो से भरपूर भोजन और फसलों को लोकप्रिय बनाना है गढ़भोज दिवस का उद्देश्य – प्रो० अंजना श्रीवास्तव

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पंडित शिवराम राजकीय महाविद्यालय, त्यूनी में आज दिनांक 7.10.2024 को गढ़भोज दिवस का आयोजन किया गया जिसमें सभी छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अंजना श्रीवास्तव ने इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उत्तराखण्ड की पौष्टिक और औषधियों गुणो से भरपूर उत्तराखंड भोजन और फसलों को लोकप्रिय बनाना है। जिसे जंक फूड के साथ बड़ी हो रही, हमारे युवा पीढ़ी को बीमारियों के शिकार से बचाना है।

और कहा कि हमारा पारंपरिक खाद्यय पदार्थ न केवल स्वादिष्ट है बल्कि पौष्टिक भी है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ता है। छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के जौनसार-बावर के पारंपरिक व्यंजनों को परोसा है।

यहां के पारंपरिक खाद्यय पदार्थ जैसे चावल, तिल, मंडवा, झंगोरा, अरबी के पत्ते गुर्याल, कुलथ, काली दाल, चुल्लू जैसे खाद्यय पदार्थों से कई पारंपरिक व्यंजन जैसे सिडकु, असके, अरसे, उडद के पकोडे, तिल की चटनी, पतोड, मक्की की रोटी, राई की सब्जी और शुद्ध ग्रामीन घी, आदि व्यंजन लाये गये थे।

छात्र/छात्राओं के द्वारा इन व्यजनों के पोष्टिकता एवं गुणवत्ता की जानकारी ही और कहा कि यह व्यंजन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है।

श्रीमती शर्मिला ने कहा कि हमारे पारम्परिक खाद्यय पदार्थ जैसे मंडवा, झंगोरा, अरबी के पत्ते, गुर्याल, कुलथ, आदि खाद्यय पदार्थों से मधुमेह, पत्थरी, पीलीया, केन्सर जैसे घातक बिमारियों से बचा जा सकता है। वर्तमान में इन खाद्यय पदार्थों का सेवन धीरे-धीरे विलुप्त हो रहा है।

अतः हम सभी को इन खाद्यय पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे कई घातक बिमारियों से बचा जा सकता है।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक डॉ. सतीश चन्द्र, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. पवन रावत, डॉ. आशीष बिजल्वाण, श्री पूरन सिंह, श्री सचिन शर्मा, श्रीमती रश्मि नौटियाल, श्री रहिश कुमार, सुश्री शिखा भारती, एवं समस्त कार्यालय कार्मिक उपस्थित रहें।

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