उत्तराखंड शासन ने पेयजल कर्मियों सहित इन निगमों में हड़ताल पर लगाई रोक

Spread the love

उत्तराखंड: राज्य में लोकसभा चुनाव से पहले कर्मचारी संगठनों पर रोक लगाने का सिलसिला जारी है। इस कड़ी में शासन ने कुछ निगमों में अगले 6 महीने तक हड़ताल पर रोक के आदेश जारी किये हैं।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड पेयजल संस्थान और निर्माण निगम के साथ ही जल संस्थान के विभिन्न कर्मचारियों पर यह आदेश लागू होगा।

लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न कर्मचारी संगठनों के अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार विभिन्न विभागों में हड़ताल पर रोक के आदेश कर रही है।

इस बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड पेयजल संस्थान विकास और निर्माण निगम के साथ ही उत्तराखंड जल संस्थान के सभी कर्मचारियों पर यह आदेश लागू रहेगा।

इन निगमों में प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारी के लिए हड़ताल निषिद्ध की गई है।

जानकारी के अनुसार राज्य के इन निगमों में कर्मचारी संगठन अपनी विभिन मांग राज्य सरकार के सामने रखते रहे हैं और ऐसे में कर्मचारी संगठनों द्वारा हड़ताल की भी संभावना बनी रहती है।

लिहाजा सरकार ने विभिन्न संभावनाओं को देखते हुए पहले ही हड़ताल पर रोक के आदेश दिए हैंहैं। सरकार ने अगले 6 महीने के लिए हड़ताल पर रॉक के आदेश जारी किए हैं यानी अब कोई भी संगठन अगले 6 महीने तक हड़ताल की कॉल नहीं कर पाएगा। ऐसा करने वाले कर्मचारी संगठनों पर रासुका भी लगाई जा सकती है।

उत्तराखंड सरकार इससे पहले ऊर्जा विभाग समेत तमाम दूसरे विभागों के लिए भी इसी तरह का आदेश जारी कर चुकी है. क्योंकि देशभर की तरह उत्तराखंड में भी लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, लिहाजा किसी भी तरह की संभावना को देखते हुए सरकार द्वारा ये कदम उठाए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966″ (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 30, सन् 1966) की धारा-3 की उपधारा (1) के अधीन प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करके श्री राज्यपाल इस आदेश के प्रकाशन के दिनांक से छः माह की अवधि के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अन्तर्गत स्थापित उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम तथा उत्तराखण्ड जल संस्थान की समस्त श्रेणी की सेवाओं में तात्कालिक प्रभाव से हड़ताल निषिद्ध करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *