हरिद्वार :राजकीय महाविद्यालय मरगूबपुर में उत्तराखंड शासन और विश्वविद्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में आज महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा ,”उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो०विजय कुमार ने किया।इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि यह गर्व का विषय है कि आजादी के बाद उत्तराखंड राज्य देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता को लागू किया है और सभी छात्र-छात्राओं को इसे गंभीरता से समझना चाहिए। यह सामाजिक समानता और राष्ट्रीय एकीकरण के लिए एक अच्छी पहल है।
कार्यशाला के संयोजक और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ० अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के लागू होने से सभी धर्म और समुदाय एक ही कानून से सुरक्षित और संरक्षित होंगे। इससे लैंगिक समानता को बल मिलेगा, संपत्ति के उत्तराधिकार में एकरूपता आयेगी।
डॉ० हरीश रावत ने उत्तराखंड के अनुसूचित जनजातियों के मुद्दे पर प्रकाश डाला और कार्यशाला की सह-संयोजक राजनीति विज्ञान विभाग की सहायक आचार्य डॉ० कल्पना भट्ट जी ने समान नागरिक संहिता में महिलाओं की स्थिति को विशेष रूप से रेखांकित किया। महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने कार्यशाला में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया और वक्ताओं से अनेक प्रश्न पूछे।
इस अवसर पर डॉ० संदीप सैनी, डॉ० गौरव कुमार मिश्र, श्रीमती अंजलि सैनी, श्री अंकित जी, डॉ० आनन्द, डॉ० राहुल, डॉ० अमित डॉ०किरन श्रीमती मोनिका रानी सहित अनेक शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।