इको-टूरिज्म अजीबिका संबर्धन एवं जैव-विविधता संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण विकल्प: डॉ. फोंदणी
पैठाणी, पौड़ी गढ़वाल, राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय बनास पैठाणी पौड़ी गढ़वाल में उच्च शिक्षा विभाग एवं भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के सहयोग से देवभूमि उद्यमिता योजना के ग्यारहवें दिन में छात्र-छात्राओं एवं स्थानीय उद्यमियों को इको-टूरिज्म ब्यावसाय को स्वरोजगार से जोड़ने की अहम जानकारी दी।
कार्यक्रम में देबभूमि उद्यमिता केंद्र के फैकल्टी मेंटर डॉ. प्रकाश फोंदणी ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा इको-टूरिज्म की सक्सेज स्टोरी को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा कि पर्यटन को अगर हम प्रकृति से जोड़ के काम करे तो विशेषकर प्रशिक्षित बेरोगारो को स्वरोजगार भी उपलब्ध होगा और पर्यावरण संरक्षण की मुहिम भी कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि इस देवभूमि में पर्यटन व्यवसाय को और मजबूत करना है तो हमे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना होगा।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. पुनीत चंद्र वर्मा ने छात्र- छात्राओं को स्टार्टअप के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि पर्यटन व्यवसाय से ही उत्तराखंड राज्य में अधिक राजस्व प्राप्त होता है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि हमे प्रधानमंत्री जी के विजन पर काम करके घामतापो पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए जिससे हमारी आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सकती है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजेश रतूड़ी जी अध्यापक एवं सामाजिक कार्यकर्ता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जाख, पैठाणी ने कहा कि हमे किसी भी उद्यम को स्थापित करने के लिए साधारण जीवन एवं उच्च सोच रखनी चाहिए। किसी भी कार्य को करने के लिए शर्म नही होनी चाहिए क्योंकि कोई भी काम बड़ा या छोटा नही होता है।किसी भी उद्यमी के लिए कठिन परिश्रम एवं ईमानदारी ही सबसे महत्वपूर्ण होता है।
महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. दिनेश रावत, डॉ. कल्पना रावत, डॉ. खिलाप सिंह, डॉ. सतवीर एवं डॉ. उर्वशी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सम्मानित प्राध्यापको, कर्मचारियों, स्थानीय उद्यमियों,सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविद् एवं छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।