हरिद्वार नगर निगम प्रशासन के कम दाम की भूमि को 54 करोड़ में खरीद लेने के बाद मीडिया में मामला सामने आने से मचे घमासान के बाद सीएम ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच आईएएस रणवीर सिंह को सौंपी।
जांच का जिम्मा मिलने के बाद रणवीर सिंह हरकत में आ गए है। जांच अधिकारी के निर्देश के बाद भूमि विक्रेताओं के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।
मौजूदा समय में बैंक खातों में 37 करोड़ की रकम जमा होने की बात बताई जा रही है, ऐसे में सवाल यह है कि 17 करोड़ की रकम आखिर कहां गई? यह जांच के बाद ही साफ हो सकेगा। चर्चा इस बात की जोरों पर है कि आखिर सस्ती जमीन को कैसे महंगे रेट पर खरीदा गया।
बता दें कि नगर निगम हरिद्वार ने नवंबर 2024 में सराय कूड़ा निस्तारण केंद्र से सटी 33 बीघा भूमि का क्रय किया था। ये भूमि 54 करोड़ रुपए में खरीदी थी जबकि छह करोड़ रुपए स्टाप ड्यूटी के तौर पर सरकारी खजाने में जमा हुए थे। 2024 में तब नगर प्रशासक आईएएस वरुण चौधरी थे।
जमीन खरीद मामले में मेयर किरण जैसल ने सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की जांच सीनियर आईएएस अफसर रणवीर सिंह को सौंपी थी। अब इस मामले में जमीन को बेचने वाले किसान के खातों को फ्रीज करने के आदेश कर दिए गए हैं।
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में खातों को फ्रीज कर दिया गया है। नगर निगम हरिद्वार और राजस्व विभाग से भी सभी दस्तावेजों का सुरक्षित रखने के लिए कहा गया है।