डॉ० राम भरोसे
06.12.2023
शहीद बेलमती चौहान राजकीय महाविद्यालय पोखरी (क्वीली) टिहरी गढ़वाल के हिंदी विभाग के तत्वावधान में आज भारत रत्न संविधान निर्माता डॉ० भीम राव राम जी अंबेडकर की 67 वाँ महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया. इस कार्यक्रम के संयोजक महाविद्यालय के हिंदी विभाग प्रभारी डॉ० राम भरोसे ने कार्यक्रम के विषय में विस्तार से बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डॉ० शशि बाला वर्मा सहित समस्त स्टाफ द्वारा डॉ० अंबेडकर की फोटो के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करके हुआ. इसके बाद सभागार में बुद्ध वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
महाविद्यालय की प्राचार्य महोदय डॉ० शशि बाला वर्मा ने पुष्पांजलि के पश्चात् उन्होंने डॉ० अंबेडकर के जीवन संघर्षों के विषय में एक मार्मिक कविता प्रस्तुत की. जिसकी पंक्तियाँ
“संविधान के निर्माता, थे तो पुरुष महान,
भारत वर्ष के, नाव स्वरूप के जनक.” थीं.
इसके बाद बीए तृतीय वर्ष की छात्राओं, प्रियंका, काजल, कोमल, प्रियांशी, संजना, सिया, अनिशा, अंजलि ने बाबा साहेब अंबेडकर के जीवन संघर्षों पर आधारित एक मार्मिक गीत “माँ बाप भी गँवा दिया, दलितों का सर उठा दिया”प्रस्तुत किया. जिनको सुनते हुए पूरा सभागार भावुक हो उठा.
कार्यक्रम के बीज व्याख्याता अर्थशास्त्र विभाग की प्राध्यापिका श्रीमती सरिता देवी ने “स्त्री शिक्षा के संवाहक:डॉ० अंबेडकर” विषय पर गंभीरता से सटीकता से अपनी बात रखते हुए कहा भारत की नारियों की स्थिति सुधारने का पूरा श्रेय डॉ० अंबेडकर को जाता है. इसके बाद के विशिष्ट व्याख्याता राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ० मुकेश सेमवाल ने “भारतीय संविधान निर्माण में डॉ० अंबेडकर की भूमिका” विषय पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत का संविधान विश्व के समस्त संविधानों में सबसे सुंदर है. इसके लिए बाबा साहेब ने दिन रात मेहनत की और संविधान को ये रूप दिया.
इन वक्ताओं के बाद बीए तृतीय वर्ष छात्रा कु० अंजलि ने “एक अर्थशास्त्री के रूप में डॉ० अंबेडकर” विषय पर अपनी बात रखी. इसके बाद बीए तृतीय वर्ष की अन्य छात्रा कु० हिमवंती ने “समाज सुधारक के रूप डॉ० अंबेडकर” के विषय में मार्मिक व्याख्यान दिया, तत्पश्चात् बीए तृतीय वर्ष की ही अन्य छात्रा कु० अक्षा ने “नव भारत के निर्माण में डॉ० अंबेडकर की भूमिका” पर विस्तार से प्रकाश डाला. इसके बाद बीए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा कु० काजल ने
डॉ० अंबेडकर के विषय में बहुत सुंदर और मार्मिक कविता का पाठ किया. डॉ० राम भरोसे ने अंत में इस बात को विस्तार से तथ्य देते हुए समझाया कि मात्र दलितों के ही मसीहा नहीं थे अंबेडकर, उन्होंने संपूर्ण देशवासियों के लिए संविधान में सभी प्रावधान किये.
इसके बाद डॉ० राम भरोसे ने प्रोजेक्टर के माध्यम से डॉ० अंबेडकर के जीवन संघर्षों पर आधारित स्लाइड्स के साथ साथ ही राज्य सभा टीवी चैनल द्वारा डॉ० अंबेडकर पर बनी एक महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बच्चों को दिखाई.
इसके बाद महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ० शशि बाला वर्मा द्वारा समस्त वक्ताओं को हिंदी विभाग के सौजन्य से पुरस्कार स्वरूप सूक्ष्म भेंट भी प्रदान की.
कार्यक्रम के अंत में भूगोल विभाग की प्राध्यापिका डॉ० सुमिता पंवार ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया और एक बहुत सुंदर कविता “रुक न तू, धरा हिला, गगन गुंजा…” से कार्यक्रम के समापन की घोषणा की.
साथ ही इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक डॉ० बंदना सेमवाल, डॉ० विवेकानंद भट्ट ने भी इस कार्यक्रम में अपने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम में प्रतिभाग किया.
महाविद्यालय के कार्यालयी कर्मचारी श्रीमती रचना राणा, श्रीमती रेखा नेगी, कार्यक्रम के तकनीकी सहायक श्री अंकित कुमार, मीडिया प्रभारी श्री नरेंद्र, श्रीमती सुनीता, श्री नरेश, श्री मूर्ति लाल तथा अक्षा, अंजलि, रक्षा, अंकिता, सावित्री, मीनाक्षी, काजल, प्रियंका, अंजना, पूजा, प्रियंका, पूनम, नेहा, कृष्णा, अंजलि इत्यादि बच्चे भी कार्यक्रम में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई.